मॉडर्न ट्रैक्टरों के उपयोग ने जहां खेती को आधुनिक बनाया है। वहीं, इनसे सभी किसानों को अपनी कृषि उपज और आय को बढाने में मदद मिली है। वर्तमान में निर्माताओं द्वारा ट्रैक्टरों में तेजी से नई-नई टेक्नोलॉजी और फीचर्स का समावेश किया जा रहा है, जो किसानों की हर जरूरतों को पूरा करने में उपयुक्त है। इन्हीं फीचर में 4डब्ल्यूडी (4WD) शामिल है। छोटे से लेकर मध्यम और बड़े किसानों द्वारा आज 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टरों को खूब पसंद किया जा रहा है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या सभी किसानों के लिए फोर-व्हील ड्राइव (4डब्ल्यूडी) सही होते हैं या नहीं। इसलिए आपको ये समझना बहुत जरूरी है कि 4 व्हील ड्राइव ट्रैक्टर आखिर हर काम के लिए जरूरी क्यों नहीं होते हैं और ये किन किसानों तथा किन कामों के लिए उपयुक्त होते हैं।
भारत में 2025 के लिए कई निर्माता ब्रांड के बेस्ट 4 डब्ल्यूडी ट्रैक्टर मॉडल्स उपलब्ध है, जो किसानों की हर मशीनरी जरुरतों को दक्षता के साथ पूरा करने के लिए उपयुक्त है। यहां जॉन डियर 5105 4डब्ल्यूडी (40 HP), महिंद्रा 575 डीआई एक्सपी प्लस 4डब्यूडी (47 HP), स्वराज 744 एफई 4WD (48 हॉर्स पावर), न्यू हॉलैंड 3630 TX प्लस 4WD (55 HP) और पॉवरट्रैक यूरो 50 4WD (50 HP) 2025 के लिए भारत में पॉपुलर और भरोसेमेंद 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर मॉडल्स है, जिनमें भारतीय किसानों की जरूरतों के अनुसार, दमदार इंजन, फ्यूल एफिशिएंट, मॉडर्न टेक्नोलॉजी, टफ बिल्ड क्वालिटी, लंबी लाइफ, सटीक हाइड्रोलिक्स, भरोसेमंद मल्टीपरपज़ यूज परफॉर्मेंस जैसे फीचर्स मिलते हैं। साथ ही ये ट्रैक्टर किसानों के लिए बजट-फ्रेंडली भी है।
4 व्हील ड्राइव (4WD) ट्रैक्टर वैसे तो 2WD ट्रैक्टर से बहुत पावरफुल होते हैं और काफी महंगे भी होते हैं और इनका रखरखाव खर्च भी अधिक होता है। लेकिन, ये हर काम के लिए उपयोगी नहीं होते हैं। 4डब्ल्यूडी यानी फोर-व्हील ड्राइव एक तकनीक है, जो ट्रैक्टर इंजन के पावर को चारों पहियों पर समान रूप से वितरित करता है, जिससे फिसलन वाली गिली सतहों, ऊबड-खाबड़ या पहाड़ी जमीन पर ट्रैक्टर को अतिरिक्त खींचने की क्षमता और बेहतर नियंत्रण मिलता है। पहाड़ी ढ़लान वाले इलाकों या खेत की गीली जमीन पर जहां ट्रैक्टर को ज्यादा ट्रैक्शन की आवश्कता होती है, वहां फोर-व्हील ड्राइव (four wheel drive) ट्रैक्टर उपयुक्त होते हैं। 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर उन किसानों के लिए उपयुक्त होते हैं, जो गीली या भारी और कठोर भूमि पर खेती करते हैं और उन्हें अतिरिक्त खींचने की आवश्यकता होती है।
मैदानी और साधारण भूमि वाले क्षेत्रों में गेहूं, चना, सरसों या मूंगफली जैसी अन्य हल्की फसलों की खेती के लिए 4-व्हील ड्राइव (4WD) ट्रैक्टर की जरूर नहीं होती है। यदि आपकी जमीन समतल, सूखी और हल्की मिट्टी वाली है और आप कम पावर वाले उपकरण के साथ काम करते हैं, तो आपको भी 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर की जरुरत नहीं है। इसके अलावा, आप ट्रैक्टर का उपयोग कम समय के लिए करते हैं और आपका बजट सीमित है, तब भी आपको 4 डब्ल्यूडी ट्रैक्टर की आवश्यकता नहीं है। आप 2 डब्ल्यूडी ट्रैक्टर से अपने काम पूरे कर सकते हैं और पैसों की बजत भी कर सकते है। इससे आपके ट्रैक्टर की क्षमता भी सही उपयोग होगा।
वैसे तो भारत में हर किसान की जरूरत और खेत की स्थिति अलग होती है। अगर आपके खेत की जमीन भारी, दलदली या पहाड़ी है, तो आपको 4WD ट्रैक्टर लेना चाहिए। समतल या साधारण हल्की मिट्टी वाली भूमि पर खेती के लिए 2WD ट्रैक्टर आराम से जुताई और दूसरे काम कर सकता है, अगर ऐसे क्षेत्र वाले किसान 4WD ट्रैक्टर में निवेश करते हैं, तो उनके लिए यह सिर्फ पैसे की बरबादी होगी। अगर आप गहरी जुताई (deep cultivation) या रोटावेटर जैसे भारी उपकरण चलाते हैं या हैवी ट्रेलर या भारी माल ढुलाई करते हैं, तो आपके लिए 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर उपयुक्त है। खेती के साथ कंस्ट्रक्शन/हॉलेज जैसे काम 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर आसानी से करते हैं। अगर आप 5-10 एकड़ जमीन पर हल्की खेती करते हैं, 4WD ट्रैक्टर लेने से बचना चाहिए। 4डब्ल्यूडी फ्यूल की खपत अधिक करते हैं, जिससे थ्रेसर, रोटावेटर, मल्चर, जनरेटर्स, मोटर्स आदि पीटीओ उपकरणों के संचालन में 4WD ट्रैक्टर से ज्यादा कुशल माइलेज नहीं मिलता है। 2 व्हील ड्राइव ट्रैक्टर इसमें अधिक कुशल माइलेज प्रदर्शन देते हैं। 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर की सर्विसिंग और स्पेयर पार्ट्स की लागत अधिक होती है, छोटे खेतों में अधिक टर्निग रेडियस की जरूरत होती है, जो 4 डब्ल्यूडी ट्रैक्टर में कम होता है। इसलिए आप 4WD ट्रैक्टर के स्थान पर 2डब्ल्यूडी ट्रैक्टर चुनिए जो ताकत और माइलेज दोनों अधिक देते हैं।
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