Nursery Business Idea : किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार योजनाएं चला रही हैं। बदलते मौसम और बाजार की मांग को देखते हुए सरकार अब किसानों को ऐसी खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिनसे स्थायी लाभ कमाया जा सके। इसी दिशा में नर्सरी व्यवसाय (Nursery Business) एक शानदार विकल्प बनकर उभरा है। बढ़ते प्रदूषण के चलते शहरों में पेड़- पौधों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे पौधे तैयार करने वाली नर्सरियों का कारोबार भी तेजी पकड़ रहा है। इसी क्रम में बिहार सरकार ने निजी क्षेत्र में छोटी नर्सरी की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए एक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत नर्सरी की इकाई लागत पर किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना उन लोगों के लिए बेहतरीन अवसर है जो फलदार, फूलदार और सजावटी पौधों की खेती से जुड़कर लाभकारी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत “नर्सरी की स्थापना” के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Integrated Horticulture Development Mission) योजना वित्त वर्ष 2025-26 के तहत उद्यान निदेशालय द्वारा निजी क्षेत्र में छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए 20 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत निर्धारित की गई है, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत (10 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर) का अनुदान मिलेगा। सरकार यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी।
अनुदान राशि में 500 वर्ग मीटर का पॉली हाउस, 1000 वर्ग मीटर का शेड नेट हाउस, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, जल भंडारण टैंक, फेंसिंग, मातृ वृक्ष खरीदने के लिए पौधे, भंडार गृह, सूक्ष्म सिंचाई आदि लागत शामिल है। किसानों को यह अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के नियमानुसार, अनुमोदित मॉडल प्रोजेक्ट के फिक्स्ड कॉस्ट अवयव के तहत कार्य पूर्ण होने पर इकाई लागत का 60 फीसदी सहायतानुदान प्रथम किस्त के रूप में दिया जाएगा। वहीं, मॉडल प्रोजेक्ट के रेकरिंग और अन्य अवयवों के तहत काम पूरा होने पर शेष 40 प्रतिशत अनुदान दूसरी किस्त के रूप में दिया जाएगा।
उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग बिहार सरकार के अनुसार, बिहार सरकार उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग के मुताबिक, छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए 04-1 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। यातायात सुविधा को ध्यान में रखते हुए किसान जिस जमीन पर नर्सरी की स्थापना करना चाहते हैं वह भूमि कम से कम ग्रामीण सड़क के नजदीक होना जरूरी है। जलजमाव भूमि का चयन नर्सरी स्थापना के लिए नहीं किया जाएगा। चयनित भूमि पर जरूरत के अनुसार मिट्टी भराई का काम खुद करना होगा। पानी के स्रोत के लिए ट्यूबवेल (Tubewell) पंपिग सेट (pumping set), बिजली कनेक्शन (electric connection) आदि की सुविधा नर्सरी के लिए चयनित जमीन पर किसानों की स्वयं की होनी चाहिए।
उद्यानिकी निदेशालय, बिहार सरकार द्वारा एकीकृत बागवानी विकास योजना के तहत छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए 10 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर उपलब्ध 'छोटी नर्सरी की स्थापना' के 'आवेदन करें' लिंक से छोटी नर्सरी का 'मॉडल प्रोजेक्ट' डाइनलोड कर प्रोजेक्ट में मांगी गई जरूरी विवरणी की प्रविष्टि करते हुए जिला उद्यान पदाधिकारी को जमा करनी होगी। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिला के जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क भी किया जा सकता है। DBT पंजीकृत आवेदक उद्यान निदेशालय के वेबसाइट से छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए 'मॉडल प्रोजेक्ट' बिहार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ से डाउनलोड कर सकते हैं।
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