Poultry Farming : ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में मुर्गी पालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज कई क्षेत्रों के किसान कृषि के साथ-साथ मुर्गी पालन से अपनी आमदनी बढ़ाने में लगे हुए है। खासकर गांव में रहने वाली महिलाएं इस मुर्गी पालन व्यवसाय में अधिक रूची दिखा रही है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के ग्राम कठिया की रहने वाली नागेश्वरी वर्मा सरकार की मनरेगा योजना के तहत अब लखपति दीदी बन गई है। नागेश्वरी मुर्गी पालन जैसे व्यवसाय से सालाना डेढ़ से दो लाख रुपए कमा रही है। उनका कहना है कि वे आज से पांच वर्ष पहले एक सामान्य गृहिणी थी, जो घर के चूल्हा-चौके जैसे काम तक ही सीमित थी, लेकिन आज वे आत्मनिर्भर हैं और घर गृहस्थी संभालने के साथ ही मुर्गी पालन से सालाना लाखों रुपए कमा रही है। गृहिणी महिला नागेश्वरी ने बताया कि आज उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहें है और वह अपने दम पर एक हजार मुर्गियों का पालन करने की योजना भी तैयार कर रही है। आइए, इस खबर के बारे में विस्तार से जानें।
इस संबंध में नागेश्वरी वर्मा ने बताया कि कुछ साल पहले बिहान के सहयोग से लगभग 1.50 लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया था, जिसके बाद उन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया। मनरेगा योजना के तहत उन्हें मुर्गियों के रहने के लिए शेड बनाने हेतु सहायता भी प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने कम संख्या में मुर्गी पालन शुरू किया और इससे मिले मुनाफे को देखते हुए, उन्होंने इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 500 मुर्गियों तक पहुंचा दिया और तैयार मुर्गियों को आस-पास के बड़े पोल्ट्री फार्म वालों को बेचना शुरू किया था, अब वो खुद आकर ले कर जाते है। नागेश्वरी वर्मा ने बताया कि मुर्गी पालन में अच्छी सफलता मिलने के बाद पिछले पांच सालों में अच्छी आय होने पर उन्होंने नया घर बनाया, दुपहिया वाहन खरीदा अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही हूं, बेटा बीबीए की पढ़ाई कर रहा है और बेटी के अच्छे करियर का भी प्लान कर रही हूं।
केंद्रा सरकार द्वारा मुर्गी पालन क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत लाभार्थी को मुर्गी पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ आईसीएआर- केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान द्वारा मुर्गी पालन के क्षेत्र से युवाओं, किसानों और महिलाओं प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program) के तहत ब्रॉयलर मुर्गी पालन, बटेर और देसी मुर्गी पालन की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके अलावा, लाभार्थियों को अंडा उत्पादन (Egg Production) प्रबंधन भी इस कार्यक्रम के माध्यम से सिखाया जाता है। भारत सरकार की ओर से मुर्गी पालन के लिए संचालित इन योजनाओं में मनरेगा पशु शेड योजना भी शामिल है। इसके अलावा, बिहार, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर योजनाएं लागू कर मुर्गी पालन फार्म खोलने के लिए जाति वर्ग के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी लाभ दिया जाता है। इसके लिए संबंधित राज्य पशुपालन विभाग द्वारा किसानों से ऑनलाइन आवेदन भी मांगे जाते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा पशु शेड योजना चलाई जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत किया जा रहा है। मनरेगा पशु शेड योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से निजी भूमि पर पशुओं की शेड बनवाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना पशुपालन और गौशाला में पशुओं के लिए आरामदायक आवास प्रदान करती है, जिन पशुपालकों के पास तीन पशु हैं, उन्हें इस योजना में 75,000 रुपए से 80 हजार रुपए के बीच वित्तीय सहायता मिलती है। इससे अधिक की संख्या में पशुओं का पालन करने वाले पशुपालकों को मनरेगा पशु शेड योजना के तहत 1 लाख 16 हजार रुपए से लेकर 1 लाख 60 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मनरेगा पशु शेड योजना में गाय-भैंस, भैंस, भेड़- बकरी और मुर्गा-मुर्गी जैसे पशु और पक्षियों के पालन व्यवसाय का समावेश किया गया है। आप मनरेगा पशु शेड योजना का लाभ प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं और इस योजना के अंतर्गत शेड का निर्माण करवा कर पशुओं को सुरक्षित रख सकते हैं।
मनरेगा पशु शेड योजना (MGNREGA Pashu Shed Yojana) खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानों/पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के लिए चलाई जा रही है। खासकर उन लोगों को लिए जिनके पास मनरेगा कार्ड (MNREGA Card) है। मनरेगा शेड योजना (MGNREGA Pashu Shed Yojana) का मुख्य उद्देश्य पशुपालन को प्रोत्साहित करना है और निजी भूमि पर शेड का निर्माण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर नए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। केंद्र सरकार की इस योजना माध्यम से पशुओं की बेहतर देखभाल हो सकती है और पशुपालकों की आय बढ़ सकती है। मनरेगा पशु शेड योजना में शेड निर्माण ऊंची जगह पर करना चाहिए, जिससे बारिश से संबंधित समस्याओं से बचा जा सके। पशुओं के मल और मूत्र को आसानी से बाहर निकालने के लिए शेड में उचित व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन शेड में मच्छरों और अन्य कीटों से पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए बिजली और पानी का इंतजाम होना चाहिए। शुद्ध वातावरण और पशुओं को घास चरने और तालाबों स्थानों के आस-पास पशुपालन शेड का निर्माण किया जाना चाहिए। शेड में पशुओं के लिए चारा खाने के लिए और पीने के लिए पानी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
मनरेगा पशु शेड योजना का लाभ कम से कम 2 पशु रखने वाले पशुपालक को दिया जाता है। जिनके पास कम से कम 2 पशु है वे अपने आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक खाता पास बुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर आदि दस्तावेज के साथ अपने नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर सकते हैं। वहां किसी संबंधित कर्मचारी से इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर योजना का आवेदन फार्म भरें। आवेदन फार्म में मांगी गई संपूर्ण जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़कर दर्ज करें। इसके बाद सभी आवश्यक दस्तावेजों को फार्म के साथ अटैच कर फार्म को बैंक शाखा में जमा कर दें। आपके द्वारा प्रस्तुत आवेदन फार्म की जांच की जाएगी। आवेदन फार्म और सभी दस्तावेज के सही पाए जाने पर आपको इस योजना के तहत लाभ प्रदान कर दिया जाएगा।
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