PM Kusum Yojana : देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Solar Subsidy Yojana 2024) के विभिन्न कंपोनेंट्स के तहत अनुदान पर सौर ऊर्जा कृषि पंप दिए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के किसान भी अपने खेत की सिंचाई के लिए अनुदान पर सोलर पंप लगा सकेंगे। क्योंकि यूपी की डबल इंजन सरकार किसानों को अनुदान पर सोलर पंप देने जा रही है। चालू वित्त वर्ष में सरकार पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Solar Subsidy Yojana) के अंतर्गत सोलर पंप के लिए अनुदान देगी। अनुदान पर सोलर पंप की स्थापना हेतु विभागीय पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो किसान अनुदान पर सोलर पंप लगवाना चाहते हैं। वह कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों संयुक्त रूप से सब्सिडी प्रदान करेगी। आइए, जानते हैं कि सोलर पंप के लिए निर्धारित नियम और शर्तें क्या है और अनुदान लाभ के लिए टोकन कैसे जनरेट कर सकते हैं?
उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार और नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार 2024-25 में पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत “पहले आओ-पहले पाओ” के आधार पर 54 हजार सोलर पंप वितरित करेगी। इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा। बुकिंग आवेदन के दौरान कृषकों को 5 हजार रुपए की टोकन राशि जमा करनी होगी। किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.agriculture.up.gov.in) पर सोलर पंप हेतु बुकिंग के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
कृषि निदेशक और नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पंप के लिए 60 प्रतिशत का अनुदान देय है। इसमें अलग-अलग बोरिंग के हिसाब से अलग-अलग एचपी क्षमता के सोलर पंप लगाया जाता है और किसान की आवश्यकता के अनुसार ही उसके खेत पर सोलर पंप लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि इसमें 2 एचपी वाले पंप के लिए 4 इंच, 3 और 5 एचपी वाली सोलर पंप के लिए 6 इंच और 7.5 एचपी और 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग होना अनिवार्य है। 22 फीट तक 2 एच.पी. सर्फेस, 50 फीट तक 2 एच.पी. सबमर्सिबल, 150 फीट तक 3 एच.पी. सबमर्सिबल, 200 फीट तक 5 एच.पी. सबमर्सिबल, 300 फीट तक की गहराई पर उपलब्ध जल स्तर के लिए 7.5 एच.पी. और 10 एच.पी. सबमर्सिबल सोलर लगाया जाता है और पंप की लागत का 60 प्रतिशत अनुदान किसान को दी जाती है। साथ ही किसान को 40 प्रतिशत कृषक का अंश देना होता है।
आरके सिंह ने बताया कि योजना के तहत सोलर पंप लाभ लेने के सभी इच्छुक कृषक तत्काल ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर आवेदन प्रक्रिया चल रही है, जो भी किसान सोलर पंप लगवाना चाहते हैं वे कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर अपने खेत पर सोलर पंप लगवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पीएम कुसुम योजनांतर्गत 02 एचपी का पंप लगाने के लिए कुल लागत 2,49 लाख रुपए आएगी। इस पर किसान को 1.70 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। इसमें सोलर पंप हेतु 1.03 लाख रुपए और टाली के लिए 67,500 रुपए शामिल है। किसानों को सोलर पंप लेने के लिए अपने हिस्से के 79,186 रुपए बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से विभाग को देने होंगे। उन्होंने कहा सिंचाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डीजल पंप और दूसरे सिंचाई साधनों को सोलर पंप में बदला जा सकेगा। ट्यूबवेल पर सोलर पंप स्थापित किये जाएंगे और लाभार्थियों के ट्यूबवेल पर पहले का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। किसानों को ट्यूबवेल पर सोलर पंप की सुविधा मिलने पर भविष्य में इन्हें बोरिंग पर बिजली कनेक्शन नहीं दिया जायेगा। दोहित और अति दोहित क्षेत्रों में नए सोलर पंपों की स्थापना नहीं की जाएगी। अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, तो पहले से स्थापित डीजल पंपसेट को सोलर पंप में बदला जा सकता है।
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