10 improved sugarcane varieties : गन्ने की खेती से कम लागत में अधिक फसल पैदावार के लिए जरूरी है कि किसान इसकी खेती उन्नत किस्मों (Improved Varieties) के प्रमाणित बीजों से करें। क्योंकि उन्नत किस्मों (Improved Varieties) के बीजों से किसानों को फसलों का अधिक उत्पादन मिलता है और उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर बनती है। हालांकि, गन्ने के प्रमाणित बीज थोड़े महंगे होते, जिसके कारण हर किसान इन्हें नहीं खरीद पाते हैं। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से कृषकों को फसलों के उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज अनुदान (Certified Seed Subsidy) पर मुहैया कराए जाते हैं। इस कड़ी में बिहार राज्य के गन्ना किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज पर अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए, गन्ना उद्योग विभाग बिहार सरकार द्वारा इच्छुक किसनों से आवेदन आमंत्रित किए गए है। उन्नत किस्मों के बीजों को प्राप्त करने के इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं। सरकार द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा। आईए, आवेदन संबंधित सभी जानकारी के बारे में विस्तार से जानें।
उन्नत किस्मों के प्रमाणित गन्ना बीज अनुदान पर लेने हेतु किसानों को 1 मार्च 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान यह आवेदन गन्ना उद्योग विभाग बिहार सरकार की विभागीय वेबसाइट ccs.bihar.gov.in पर जाकर कर सकते हैं। गन्ना बीज (Sugarcane Seed) की प्राप्ति के लिए प्रभेद का चयन किसान खुद कर सकते हैं। विशेष जानकारी के लिए इच्छुक किसान संबंधित सहायक निदेशक, ईख विकास या ईख पदाधिकारी कार्यालय या चीनी मिल से संपर्क कर सकते हैं। अनुदान पर गन्ना बीज आवेदन के लिए किसान के पास कृषि विभाग द्वारा जारी डीबीटी संख्या का होना आवश्यक है। नए किसान आधार कार्ड की मदद से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर यह संख्या प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।
राज्य में गन्ना फसल उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए बिहार सरकार द्वारा राज्य में “मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना” लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से गन्ने की खेती करने वाले किसानों को गन्ने के उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत किसानों को गन्ना की 10 उन्नत किस्मों पर अनुदान लाभ दिया जा रहा है। इसमें गन्ना किस्म CO-0238, CO-0118, CO-98014, COP-9301, COP-112, COP 16437 (राजनेंद्र गन्ना-1), COLK-94184, COLK-12207, COLK-12209 एवं BO 153 किस्में शामिल है। इन किस्मों के लिए किसान सरकार से अनुदान लाभ प्राप्त कर सकते हैं। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
सीएम गन्ना विकास योजना (CM Sugarcane Development Scheme) के तहत सरकार द्वारा इन उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों के लिए सामान्य वर्ग के कृषकों को 210 रुपए प्रति क्विंटल एवं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को प्रति क्विंट 240 रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 1 हेक्टेयर (2.50) एकड़ के लिए दिया जाएगा। वहीं किसानों को आधार बीज के उत्पादन के लिए 60 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार किसानों को गन्ना फसल के साथ ही मसूर, राई सरसों और गर्मा मूंग फसलों की अंतरवर्ती खेती (intercropping) के लिए बीज मूल्य का 50 प्रतिशत प्रति एकड़ की दर से अनुदान (Subsidy) देगी।
इसके अलावा, बिहार सरकार फ़सलों को बोरर कीट एवं अन्य कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए कीटनाशक, फफूंदनाशक रसायन के उपयोग पर उसके लागत पर 50 प्रतिशत अधिकतम 2,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को अनुदान देगी। किसानों को यह अनुदान अधिकतम एक हेक्टेयर क्षेत्र हेतु मिलेगा। बड चिप/ सिंगल बड पद्धति से नर्सरी तैयार कर गन्ना की रोपाई का एक एकड़ में प्रत्यक्षण (10,000 पौध प्रति एकड़) के लिए कृषकों को 15 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान किसानों को अधिकतम 1 एकड़ क्षेत्र के लिए मिलेगा।
योजना के तहत पहले चरण के सत्यापन के बाद बीज की खरीदी हेतु सरकार द्वारा स्वीकृति पत्र जारी किया जाएगा। निर्गत स्वीकृति पत्र के आलोक में 07 दिनों के अंदर बीज की खरीदी कर खेत में लगाना होगा तथा कैश मेमो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिसके पश्चात गन्ना उद्योग विभाग द्वारा द्वितीय चरण में खेत का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद लाभुक गन्ना किसानों को उनके बैंक खाते में अनुमान्य अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
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