Farm Fencing : मौसम के प्रतिकूल प्रभावों एवं छुट्टा आवारा पशुओं और नीलगाय से किसानों को हर साल खेती में मोटा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में हालात ये है कि किसानों को फसल की सेहत और सुरक्षित पैदावार के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसे किसान अपनी फसलों की सुरक्षा कर सुरक्षित उत्पादन प्राप्त कर सकें, इसके लिए खेतों की तारबंदी लिए प्रावधान करना महत्वपूर्ण है। हालांकि लागत अधिक होने के कारण हर किसान अपने खेतों की तारबंदी (farm fencing) नहीं करा पाते हैं, जिसको देखते हुए राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को तारबंदी पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार की इस तारबंदी योजना में इच्छुक किसान आवेदन कर तारबंदी का लाभ ले सकते हैं और गुणवत्तायुक्त फसलों का सुरक्षित उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार ने राज्य में एग्री इन्फ्रा मिशन राजस्थान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन न्यूट्री सीरियल व नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयल सीड एवं राज्य योजना के तहत कांटेदार एवं चैनलिंक तारबंदी कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश और लक्ष्य जारी कर दिए हैं। इसके तहत राज्य में आवारा पशुओं एवं नीलगाय जैसे जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए खेतों की तारबंदी (fencing) करवाई जाएगी। इसके लिए राजस्थान सरकार की तरफ से किसानों को भारी अनुदान भी देय होगा, जिससे तारबंदी के लिए किसानों पर अधिक आर्थिक बोझ न पड़े। हालांकि, इसके लिए इच्छुक किसान को तारंबदी योजना के तहत खेतों पर तारबंदी (बाड़) करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
राजस्थान सरकार इस योजना के अंतर्गत राज्य में किसानों को अपने खेतों की तार फैंसिंग के लिए परिधि (पेरीफरी) पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपए जो भी कम हो प्रति किसान को 400 रनिंग मीटर तक के लिए अनुदान दिया जाएगा। साथ ही इस याजना में छोटे एवं सीमांत किसान, महिला किसान और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को तारबंदी पर लगने वाली लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम 48 हजार रुपए राशि अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। वहीं, इस कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी के लिए लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 56 हजार रुपए जो भी कम हो, प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय होगा। इससे कम रनिंग मीटर तारबंदी होने की स्थिति में प्रोरेटा बेसिस पर गणना के आधार पर अनुदान दिया जाएगा। बाकि 30 प्रतिशत लागत किसानों को खुद वहन करनी होगी।
राजस्थान सरकार चालू वित्तीय वर्ष में खेतों की तारबंदी के लिए किसानों को अनुदान उपलब्ध करा रही है। इस तारबंदी योजना में सभी श्रेणी के किसानों को लाभ देय होगा। व्यक्तिगत एवं कृषक समूह में आवेदनकर्ता के पास न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर खेती योग्य भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण आवेदन कर्ता के पास न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है। सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर भूमि तथा समूह की भूमि की सीमाएं निधारित पेरीफेरी (परिधि) में होना आवश्यक है।
आवेदनकर्ता को कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छह महीने पुरानी), किसान का रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो, स्वयं खेत को सुरक्षित करने का घोषणा पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए) और बैंक खाते संबंधित विवरण के लिए खाता पास बुक कॉपी आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
राज्य के इच्छुक किसान राजस्थान तारबंदी योजना (Rajasthan Tarbandi Yojana) का लाभ उठाना चाहते है, तो वे स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर राज-किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदक किसान आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किए जाने की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेगा। जिन कृषकों के जनआधार पर लघु एवं सीमान्त कृषक श्रेणी में पंजीयन है उनको ही लघु एवं सीमान्त कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जाएगा। आवेदन के उपरान्त कृषि विभाग द्वारा तारबंदी स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। इसकी सूचना मोबाईल संदेश/कृषि पर्यवेक्षक द्वारा प्राप्त होगी। तारबंदी किए जाने से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर विभाग द्वारा मौका/सत्यापन व जियोटेगिंग की जाएगी। अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा होगी। प्राप्त आवेदनों का निस्तारण “पहले आओ-पहले पाओ” के आधार पर किया जाएगा। लक्ष्य से डेढ़ गुना अधिक आवेदन पत्र होने की स्थिति में लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से स्वीकृति पत्र जारी किए जाएंगे।
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