देश के कई राज्यों में केंद्रीय सहकारी बैंकों से जुड़ी ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बिना किसी ब्याज के अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। राज्य सरकारें यह फसल ऋण किसानों को प्रत्येक खरीफ और रबी सीजन के लिए उपलब्ध कराती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर शॉर्ट-टर्म फसल ऋण दिया जाता है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान फसल बोने के लिए आवश्यक कृषि इनपुट (जैसे बीज, खाद आदि) बिना किसी वित्तीय परेशानी के खरीद सकें। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने जीरो फीसदी ब्याज पर फसल ऋण दिए जाने की योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। इसके तहत किसानों को अब भी 3 लाख रुपए तक का फसल लोन बिना ब्याज के मिलेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
सरकार ने 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को जीरो फीसदी ब्याज दर पर शॉर्ट-टर्म फसल लोन (Crop Loan) दिए जाने की योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने इस साल 23 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य तय किया है। इसके माध्यम से प्रदेश के लगभग 40 लाख किसानों को फसल ऋण का लाभ मिलेगा। पिछले वर्ष 2024-25 में लगभग 33 लाख किसानों को यह ऋण दिया गया था। इसके साथ ही, सरकार कृषि साख सहकारी समितियों का विस्तार भी कर रही है, ताकि किसानों को ऋण आसानी से उपलब्ध हो सके।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि सरकार ने खरीफ 2025 सीजन के लिए लोन की अंतिम तिथि (ड्यू डेट) 28 मार्च 2026 और रबी 2025-26 सीजन के लिए 15 जून 2026 तय की है। निर्धारित तिथि तक लोन चुकाने वाले किसानों से 3 लाख रुपए तक के फसल ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार किसानों को 1.5 फीसदी सामान्य ब्याज अनुदान और समय पर लोन चुकाने वालों को अतिरिक्त 4 प्रतिशत ब्याज प्रोत्साहन अनुदान प्रदान करेगी। यह योजना राज्य के लाखों किसानों को राहत देगी और समय पर ऋण वापसी को प्रोत्साहित करेगी।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि कैबिनेट ने सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी के लिए ‘एसडीजी मूल्यांकन योजना’ को आगामी पांच वर्षों (2025-30) के लिए मंजूरी दी है। इस योजना के तहत राज्य, जिला और विकासखंड स्तर पर सतत् विकास के लक्ष्यों का स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, कैबिनेट ने पुनः घनत्वीकरण (रिडेंसिफिकेशन) योजना 2022 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। अब निजी कंपनियों को योजना के तहत अधिक छूट मिलेगी। पहले, ऑक्शन में खरीदी गई भूमि पर केवल कलेक्टर गाइडलाइन के 60% क्षेत्र में प्रोजेक्ट स्थापित किए जा सकते थे, जबकि अब 100% क्षेत्र पर प्रोजेक्ट स्थापित करना संभव होगा। इससे शहरों के विकास में बड़े और प्रभावशाली काम किए जा सकेंगे।
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