मौसम परिवर्तन के इस दौर में सुरक्षित खेती तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें शेडनेट हाउस, पॉलीहाउस, प्लास्टिक लो टनल, हाई टनल और प्लास्टिक मल्चिंग जैसी संरक्षित खेती की आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। इन्हें अपनाने वाले किसानों को सरकार विभिन्न किसान वर्गों के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी प्रतिशत का लाभ प्रदान करती है। इसी बीच मध्य प्रदेश (MP) सरकार ने छोटे किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब राज्य के पात्र किसान भाइयों को शेडनेट हाउस की स्थापना के लिए सबसे बड़ी सब्सिडी मिलेगी, जिसके तहत किसान को कुल लागत का एक बहुत ही छोटा हिस्सा यानी सिर्फ ₹30,000 का शुरुआती खर्च ही उठाना होगा। बाकी का सारा खर्च राज्य सरकार और संबंधित संस्था मिलकर वहन करेंगी।
यह योजना किसानों को प्रतिकूल मौसम से अपनी फसलों को बचाकर, उच्च मूल्य वाली सब्जियां और फूल उगाने का मौका देगी, जिससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हो सकेगी। इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें और इसकी शर्तें क्या हैं, आइए जानते हैं।
मध्यप्रदेश के छोटे एवं सीमान्त किसानों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य उद्यानिकी विभाग द्वारा आरकेवीवाई-पीपीपीएवीसीडी (RKVY-PPPAVCD) परियोजना के तहत 'अल्ट्रा-लो-कास्ट शेड नेट हाउस तकनीक का व्यापक प्रदर्शन किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और जलवायु अस्थिरता से लड़ने की क्षमता को सुदृढ़ करना है। बता दें कि शेडनेट हाउस संरक्षित खेती की एक आधुनिक तकनीक है, जिसे खेत में हवादार लोहे या स्टील की संरचना से बनाया जाता है और इस पर 150 माइक्रॉन मोटाई वाली पॉलीथीन शीट लगाई जाती है। यह पॉलीथीन सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से पौधों को बचाती है और उन्हें अंदर आने से रोकती है।
उद्यानिकी विभाग की इस परियोजना के तहत प्रारंभिक चरण में रायसेन, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर जिलों के ग्रामीण अंचलों के किसान लाभान्वित होंगे। मध्यप्रदेश सरकार की इस परियोजना के अंतर्गत 240 वर्गमीटर का शेडनेट हाउस लगाने की कुल लागत ₹124000 निर्धारित की गई है। इसमें 24 प्रतिशत राशि किसान द्वारा, 26 प्रतिशत राशि साझेदार संस्था खेती द्वारा तथा 50 फीसदी राशि उद्यानिकी विभाग द्वारा वहन की जाएगी। योजना के लिए किसान को सिर्फ ₹30 हजार का योगदान करना होगा, बाकी अनुदान सरकार एवं कंपनी के माध्यम से प्राप्त होगा।
चयनित जिलों में परियोजना का क्रियान्वयन क्लस्टर में किया जाएगा। इसमें क्लस्टर बनाए जाएंगे और उसी में किसानों को लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत उज्जैन के 150 किसान और रायसेन जिले के 50 किसान लाभान्वित किए जाएंगे। चयनित किसानों को एक वर्ष तक संरक्षित खेती से संबधित प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि किसान अच्छे तरीके से खेती कर सकें। इस परियोजना का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा।
परियोजना के लिए किसानों का चयन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर किया जाएगा। इच्छुक किसान अपने आधार कार्ड, भूमि अभिलेख एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला उद्यानिकी विभाग कार्यालय एवं विकासखण्ड कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी या खेती टीम से सम्पर्क कर सकते हैं।
इस शेड नेट हाउस में किसान पत्तेदार सब्जियों, शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, फ्रेंच बीन्स, टमाटर एवं सब्जियों की पौध (नर्सरी) जैसी फसलों की सफल खेती कर सकते हैं। जिसका खर्च किसान द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में संरक्षित खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और किसानों की आय में स्थायी वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसका उद्देश्य किसानों को बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान, कड़ाके की धूप और लू के गर्म थपेड़ों से बचाते हुए सुरक्षित उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि करने में मदद करना है।
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