Farm Fencing Scheme 2025 : छुट्टा आवारा पशु और नीलगाय जैसे अन्य जंगली जानवर किसानों की खेती का हर साल भारी नुकसान पहुंचाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश राज्य में हालात ये है कि किसानों को सुरक्षित फसल पैदावार के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा देते हैं। ऐसे में खेतों की तारबंदी (Fencing of Fields) इस समस्या का स्थाई समाधान है। लेकिन कई किसान ऐसे भी है, जो आर्थिक परेशानी के कारण अपने खेतों में कंटीले तार की तारबंदी (farm fencing) नहीं करा पाते हैं। ऐसे सभी किसानों को वहां की सरकार राज्य स्कीम मद से योजना की शुरुआत कर कांटेदार एवं चैनलिंक तारबंदी के लिए अनुदान लाभ दे रही है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए खेतों की तारबंदी योजना की शुरुआत की है। योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना के तहत खेतों की तारबंदी के लिए आवेदन कर सकते हैं। लाभार्थी किसानों को तारबंदी कराने के लिए सरकार की तरफ से 70 प्रतिशत या अधिकतम 56000 राशि रुपए (जो भी कम हो) सब्सिडी के रूप में मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य छुट्टा आवारा पशुओं और नीलगाय से किसानों द्वारा बोई गई फसलों की सुरक्षा करते हुए गुणवत्तायुक्त उत्पादन सुनिश्चित करना है। आइए, जानते हैं कि तारबंदी योजना के लिए लाभार्थी पात्रता क्या है, किस तरह अनुदान का लाभ उठाया जा सकता है?
दरअसल राजस्थान के कई किसान आर्थिक तंगी के कारण अपने खेतों के चारों ओर तारबंदी (बाड़) नहीं कर पाते, जिससे आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। नीलगाय और आवारा पशुओं के कारण राज्य के परेशान किसानों के लिए राजस्थान सरकार कृषि विभाग ने “खेतों की तारबंदी योजना” लागू की है । इस योजना के तहत किसानों को खेतों के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ लगाने के लिए सरकार आर्थिक सहायता देती है। राज्य कृषि विभाग की इस योजना में लाभ लेकर किसान खेतों की तारबंदी कर फसलों का सुरक्षित उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान सरकार द्वारा इस योजना को लागू करने का मकसद नीलगाय व निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाना है।
योजना के अंतर्गत किसानों को अपने खेतों की तारबंदी (तार फैंसिंग) के लिए परिधि (पेरीफरी) पर किसानों की आने वाली लागत पर 50 से 70 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। इसमें कृषकों को 400 रंनिग मीटर तक तार फेंसिंग (Tar Fencing) स्थापित करने पर लघु व सीमांत किसानों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम 48000 रुपए जो भी कम हो, सामान्य किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 40000 रुपए जो भी कम हो, अनुदान राशि देय होगी। वहीं, समूह (10 या अधिक किसान) में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी (बाड) किये जाने पर लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम राशि 56000 रुपए (जो भी कम हो) अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रति कृषक अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय होगा।
चालू वित्तीय वर्ष में खेतों की तारबंदी योजना का लाभ सभी श्रेणी के किसानों को देय होगा। व्यक्तिगत एवं कृषक समूह में आवेदन कर्ता के पास न्यूनतम 5 हैक्टर कृषि योग्य भूमि एक ही स्थान पर होना अनिवार्य है। अनुसूचित जन जाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण आवेदन कर्ता के पास न्यूनतम 0.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है। सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में कम से कम 5 हैक्टेयर भूमि एवं समूह की भूमि की सीमाएं तय पेरीफेरी (परिधि) में होना आवश्यक है।
आवेदक को आवेदन के समय कुछ आवश्यक दस्तावेज देने होंगे जो निम्न प्रकार है:-
राजस्थान तारबंदी योजना (Rajasthan Tarbandi Yojana) का लाभ उठाने के इच्छुक किसान स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर राज-किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदक आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किए जाने की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेगा। खुद से आवेदन के लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल (https://rajkisan.rajasthan.gov.in/Rajkisanweb/Kisan) पर जाएं। “खेतों की तारबंदी योजना” विकल्प चुनें। अगले पेज पर “आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें” पर क्लिक करें। जहां “Jan Aadhaar या एसएसओ ID का उपयोग करके लॉगिन करें और आवेदन करें।
कृषि विभाग के अनुसार, जिन कृषकों के जनआधार पर लघु एवं सीमान्त कृषक श्रेणी में पंजीयन (सीडिंग) है उनको ही लघु-सीमान्त कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जाएगा। अगर जनाधार में लघु एवं सीमान्त कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं हो, तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु एवं सीमान्त का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। आवेदन के उपरान्त कृषि विभाग द्वारा तारबंदी स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी, जिसकी सूचना मोबाईल संदेश/कृषि पर्यवेक्षक द्वारा प्राप्त होगी। तारबन्दी किए जाने से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर विभाग द्वारा मौका / सत्यापन व जियोटेगिंग अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा होगी।
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