Irrigation Assurance Scheme : देश के कई राज्यों में भूजल स्तर में तेजी से गिरावट तथा लगातार कमजोर मानसून के कारण सिंचाई क्षेत्रों में जल की कमी हुई है, जिसके कारण खेती के लिए जल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वर्तमान में कई इलाकों में किसानों को सिंचाई के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं में कृषि प्रधान राज्य बिहार भी शामिल है। बिहार में वर्षा सिंचित क्षेत्रों में जल की कमी, भू जल स्तर में तेजी से गिरावट तथा लगातार कृत्रिम सिंचाई उपायों के कारण भूजल का दोहन किसानों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को सिंचाई में काफी परेशानी होती है।
ऐसे में बिहार सरकार सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करने, पानी की बर्बादी को कम करने के लिए खेत पर पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार कर जलस्त्रोतों के पुनर्भरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य में "हर खेत तक सिंचाई का पानी" सिंचाई निश्चय योजना अन्तर्गत सर्वेक्षित जगहों पर निजी और सामुदायिक भूमि पर कुआं खुदवाने और निजी भूमि पर जल संचयन तालाब और फार्म पौंड बनवाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है, ताकि किसानों के खेतों तक पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सके। इच्छुक किसान जो निजी या सामुदायिक भूमि पर वर्षा जल संचयन तालाब, पोखर या कुआं (कूप) खुदवाना चाहते हैं, उनके पास आवेदन के लिए सुनहरा मौका है। सरकार योजना के तहत कूप या तालाब बनाने के लिए लाभार्थियों को पैसा मुहैया करा रही है।
बिहार में किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा “हर खेत तक सिंचाई का पानी” सिंचाई निश्चय योजना लागू की गई है। इस योजना कार्यान्वयन दक्षिण बिहार के 17 जिलाें में से 16 जिलों में किया जा रहा है। इन 16 जिलों में पानी से जुड़ी समस्याओं को दूर कर वहां तालाबों, पोखरों का जीर्णोद्धार, बांध निर्माण, कूप खुदवाने और समतलीकरण आदि का कार्य किया जाएगा, जिससे किसानों के खेतों तक पर्याप्त सिंचाई सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत इन 16 जिलों में सर्वेक्षण के बाद चयनित स्थलों पर 158 तालाब तथा 91 कूप सहित कुल 249 संरचना के निर्माण का लक्ष्य राज्य सरकार की तरफ से रखा गया है।
"हर खेत तक सिंचाई का पानी" सिंचाई निश्चय योजना अन्तर्गत निजी भूमि पर 10 फीट व्यास एवं 30 फीट गहराई वाले सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा, जबकि सामुदायिक/सरकारी भूमि पर 15 फीट व्यास और 30 फीट गहराई के सिंचाई कुंआ का निर्माण कराया जाएगा तथा निजी भूमि पर जल संचयन तालाब (150'x100'x8') और फार्म पौड (100'x66'x10') का निर्माण कराया जाएगा। योजना के अंतर्गत निजी भूमि पर कराए जाने वाले सिंचाई कुआं/कूप निर्माण पर 80 प्रतिशत सब्सिडी और सामुदायिक भूमि पर कराए जाने वाले सिंचाई कुआं निर्माण पर शत-प्रतिशत यानी 100 प्रतिशत अनुदान लाभार्थी को देय होगा। इसके अतिरिक्त निजी भूमि पर कराए जाने वाले जल संचयन तालाब एवं फार्म पौड पर 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
दक्षिण बिहार के बांका, मुंगेर, जमुई. नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, पटना, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, भोजपुर और बक्सर जिले में इस योजना के अंतर्गत सर्वेक्षित स्थलों पर तालाब/फार्म पौड और कुआं निर्माण किया जाएगा। इन 16 जिलों में निजी भूमि पर सिंचाई कूप, जल संचयन तालाब एवं फार्म पौड निर्माण के लिए इच्छुक किसान सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सामुदायिक भूमि पर सिंचाई कुंआ निर्माण के लिए लाभ लेने वाले समूह के मुख्य व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत सिंचाई कूप निर्माण, जल संचयन तालाब एवं फार्म पौड के लिए आवेदन की प्रक्रिया 21 जून से प्रारंभ हो गई है, आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 जुलाई 2024 तय की गई। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए इस अंतिम तिथि तक अपना आवेदन कृषि विभाग, बिहार सरकार की वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html पर दिए गए लिंक या URL लिंक https://bwds.bihar.gov.in/ पर कर सकते हैं। आवेदन के लिए DBT in Agriculture के 13 अंकों का पंजीयन संख्या का उपयोग करना होगा। नए किसानों को 13 अंकों की आईडी लेने के लिए पहले DBT in Agriculture पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। योजना का काम जिलावार और मदवार निर्धारित भौतिक और वित्तीय लक्ष्य के अनुसार "पहले आओ-पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिला के उप निदेशक (कृषि अभियुक्त), भूमि संरक्षण एवं सहायक निदेशक या भूमि संरक्षण से संपर्क भी किया जा सकता है।
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