Fencing Scheme Rajasthan : सरकार की कई योजनाओं में किसानों को खेतों में बाड़/तारबंदी (फेंसिंग) लगाने के लिए अनुदान मिल रहा है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा तारबंदी योजना में किसानों को खेत की तारबंदी (farm fencing) कराने के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपने खेतों की आसानी से बाड़ेबंदी (तारबंदी) करा सकते हैं और छुट्टा आवारा पशुओं और नीलगाय से अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ अब राज्य के लघु और सीमांत किसान भी उठा सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग ने तारबंदी अनुदान योजना (Fencing Subsidy Scheme) में बड़े बदलाव का फैसला किया है। इसके तहत 2.5 हेक्टेयर भूमि सीमा के लिए सामूहिक आवेदन किया जा सकेगा। पहले यह सीमा 5 हेक्टेयर भूमि थी, जिसे अब घटा दिया गया है। इससे तारबंदी योजना के प्रति किसानों का रुझान बढ़ेगा।
राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री की ओर से पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए राजस्थान के उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में 75 हजार किसानों को बाड़ (तारबंदी) लगाने के लिए 324 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 50 हजार किसानों के लिए बाड़ लगाने के लिए 216.80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे पहले विधायक कैलाश चन्द्र मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विश्नोई ने बताया कि वर्ष 2023-24 में विधानसभा क्षेत्र गढ़ी में तारबंदी (फेंसिंग) लगाने के लिए 467 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 177 आवेदन मंजूर किए गए, 290 आवेदन किसानों के आवेदन गाइडलाइन के अनुसार पात्र नहीं होने के कारण स्वीकृत नहीं किए गए।
राज्य मंत्री केके विश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है। आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़े कदम उठाए जाते हैं। इसलिए राजस्थान सरकार पशुओं से फसलों को बचाने के लिए योजना में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत बाड़ लगाने के लिए सामूहिक आवेदन हेतु न्यूनतम 5 हेक्टेयर भूमि सीमा की आवश्यकता को घटाकर 2.5 हेक्टेयर करने की समीक्षा कर किसानों के हित में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अब किसान सब्सिडी योजना के माध्यम से तारबंदी करवा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आवारा पशु किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं, जिस खेत में आवारा पशुओं का झुंड घुस जाता है, वहां की फसल पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। प्रदेश के किसान अब निराश्रित पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग की तारबंदी अनुदान योजना का पूरा लाभ उठा सकेंगे। तारबंदी अनुदान योजना की शर्तों में शिथिलता दी है। इस योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले को मिले लक्ष्य में से 30 प्रतिशत फायदा लघु व सीमांत किसानों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना में बदलाव होने से प्रदेश के किसानों का योजना के प्रति रुझान बढ़ेगा। इससे नुकसान पहुंचाने वाले निराश्रित पशुओं की समस्या से किसानों को काफी हद तक फायदा होगा।
इस योजना के माध्यम से किसान 400 मीटर की तारबंदी के अलावा खेत में पहले से बनी कच्ची या पक्की दीवार को भी शामिल करके अनुदान राशि उठा सकेंगे। अगर खेत इससे बड़ा है तो कृषक अपने खर्च पर पक्की-कच्ची दीवार या तारबंदी करवानी होगी, जिसमें लागत की राशि सरकार से मिले अनुदान राशि में ही शामिल होगी। “तारबंदी योजना” में आवेदन करके किसान 50 से 60 प्रतिशत तक अनुदान सरकार से प्राप्त कर सकते हैं। योजना में लघु और सीमांत श्रेणी के किसानों के लिए तारबंदी की लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान है। अन्य श्रेणी के किसानों के लिए तारबंदी की लागत पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
विश्नोई ने कहा कि किसान तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। फेंसिंग योजना राजस्थान सरकार के तहत राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों जिनके पास न्यूनतम सीमा 0.50 हेक्टेयर भूमि है वे सभी आवेदन कर लाभ उठा सकते हैं। वहीं, सामान्य श्रेणी के किसान न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर की सीमा में फेंसिंग करवा सकता है, जिन किसानों के पास एक जगह पर 1.5 हेक्टेयर जमीन है, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यदि 10 से ज्यादा किसान समूह में फेंसिंग करवाना चाहते हैं, तो उनके समूह के पास 5 हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए, लेकिन अब सरकार सामूहिक आवेदन के लिए जमीन की सीमा घटाकर आधा करने पर विचार कर रही है।
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