Subsidy on Solar Light Trap : कृषि में कीट-रोगों से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इससे बचाव के लिए सामान्यत: किसान फसलों में रासायनिक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ कीट-पतंगों में सहनशीलता उत्पन्न हो रही है। फसलों में कीट नियंत्रण एवं उनके प्रबंधन के लिए किसानों को अधिक डोज देनी पड़ रही है। ऐसे में फसल लागत अधिक हो रही है और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होने लगा है। साथ ही कीटनाशक रसायनों (pesticide chemicals) के अधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने लगी है, जिससे भूमि बंजर होने लगी है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने किसानों को एकीकृत कीट प्रबंधन तकनीक अपनाने का सुझाव दिया है, जिसमें सोलर लाइट ट्रैप (Solar Light Trap) प्रमुख है। इससे कीट नियंत्रण में रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग में कमी आएगी। इससे किसानों का खर्च कम और फायदा भी अधिक होगा। खास बात यह है कि खेतों में इसे लगवाने पर सरकार से सब्सिडी भी मिल रही है। इच्छुक किसान इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
फसलों को कीटों से बचाने के लिए हरियाणा में किसानों को अनुदानित दरों पर सोलर एलईडी लाइट ट्रैप (Solar LED Light Trap) दिए जा रहे हैं। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के मुताबिक, खेतों में सोलर ट्रैप लाइट लगाने पर सरकार की तरफ से 75 प्रतिशत की सब्सिडी मिल रही है। किसान इसका लाभ उठाकर अपनी जेब से सिर्फ 25 प्रतिशत रकम खर्च कर अपने खेत में सोलर लाइट ट्रैप (Solar LED Light Trap) को लगाकर कीट-पतंगों से अपनी फसलों का बचाव कर सकते हैं। किसानों के लिए ये सोलर लाइट ट्रैप फसल उत्पादन बढ़ाने साथ-साथ उनकी कमाई बढ़ाने भी में मददगार साबित हो सकता है।
खेतों में सोलर लाइट लगवाने पर किसानों को सरकार से अनुदान मिलेगा। अगर आप हरियाणा के किसान हैं और आप भी अपने खेत में सोलर लाइट ट्रैप लगवाना चाहते हैं तो 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल हरियाणा सरकार पर आवेदन कर सकते हैं। आप किसी भी नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से सोलर लाइट ट्रैप (Solar Light Trap) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के मुताबिक, प्रत्येक एक एकड़ में एक सोलर LED लाइट ट्रैप लगाया जा सकता है। कोई भी किसान अधिकतम 10 एकड़ क्षेत्र में लाइट ट्रैप लगाने के लिए आवेदन कर सकता है।
कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक, सोलर लाइट ट्रैप में एक बल्ब होता है, जो सोलर प्लेट से बनी बिजली का इस्तेमाल कर जलाया जाता है। सोलर लाइट ट्रैप सूर्य की रोशनी के माध्यम से चार्ज हो जाता है। इसमें लगी सोलर प्लेट सूरज की रोशनी को बिजली में बदलती है, जिससे इसकी बैटरी चार्ज होती है। सोलर लाइट ट्रैप दिनभर खेत में सूर्य की रोशनी से चार्ज होता है और फिर जैसे ही रात होती है ये उसके बैटरी के बटन को चालू करते ही जलने लगता है। सोलर लाइट ट्रैप को देखकर कीट इसकी ओर आकर्षित होते हैं, और इसमें जो जाली लगी होती है, उसमें जाकर ये कीट फंस जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से जो रात्रि में निकलने वाले कीट होते हैं वो अट्रेक्ट होते हैं। इसके नीचे लगी कीप में गिरकर कीट संग्रहण कक्ष में इकट्ठे हो जाते हैं। यह कक्ष सुरक्षा कवर से घिरा हुआ है और नीचे से खुला होता है।
खेतों में सोलर लाइट ट्रैप फसल की ऊंचाई से 2 फीट ऊपर लगाना चाहिए। इसे शाम 7 से 10 बजे तक रात में लगाया जाता है और प्रकाश चालू कर दिया जाता है। क्योंकि रात्रि के समय ही कीट फसलों पर अधिक प्रभाव छोड़ते हैं। रात में जब सोलर लाइट ट्रैप जलता है तो वो उधर आकर्षित होते हैं, और फिर सोलर लाइट में लगे जाल में जाकर फंस जाते हैं। ऐसे में इन कीटों से किसानों की फसल सुरक्षित हो जाती है। सोलर लाइट ट्रैप किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
''सोलर लाइट ट्रैप फसलों, सब्जियों या फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। खेतों में इसके उपयोग से बड़ी मात्रा में कीटों को आसानी से पकड़ा जा सकता है, जिससे कीटों की संख्या में भारी कमी आएगी और फसलों में लगने वाले कीटों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है। इसके उपयोग से कीट तो नियंत्रित होंगे ही, साथ ही खेती में लागत भी कम लगेगी। फसलों में अगर कीट नहीं लगेंगे, तो उत्पादन भी बंपर होगा, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। हरियाणा कृषि विभाग खेतों में सोलर ट्रैप लाइट लगाने पर 75 फीसदी सब्सिडी दे रही है। किसान अपने खेत में इस लाइट को लगाकर कीटों से अपनी फसल का बचाव कर सकते हैं।
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