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धनिया-मेथी पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी, सुगंधित खेती, ज्यादा कमाई

धनिया-मेथी पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी, सुगंधित खेती, ज्यादा कमाई
पोस्ट -14 अप्रैल 2025 शेयर पोस्ट

किसानों के लिए खुशखबरी, धनिया और मेथी की खेती पर किसानों को मिलती है 30 हजार रुपए की सरकारी मदद

Coriander and Fenugreek Cultivation : भारतीय मसालों की डिमांड दुनियाभर के देशों में तेजी से बढ़ रही है, इसको देखते हुए राज्य सरकारों द्वारा मसालों की खेती को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। अधिक से अधिक किसान इस प्रकार की खेती को अपनाएं, इसके लिए उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजना के तहत आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इस कड़ी में बिहार में सुगंधित धनिया और मेथी की खेती करने वाले किसानों को ज्यादा कमाई करने का सुनहरा मौका है। राज्य सरकार द्वारा अब धनिया एवं मेथी की खेती पर किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। राज्य में यह योजना खासकर मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई है। 

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किसानों इस मकसद से दी जा रही है सब्सिडी (Farmers are being given subsidy for this purpose)

दरअसल, राज्य के कई क्षेत्रों में किसान सुगंधित मसालों की खेती करते हैं, जिसमें धनिया की खेती बड़े पैमाने पर किसानों द्वारा की जाती हैं। लेकिन कई बार किसानों को खेती से भारी आर्थिक नुकसान होता है, जिसके कारण बहुत से किसान मसाले की खेती करने से कतराते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए उद्यान विभाग बिहार सरकार मसालों की खेती पर सब्सिडी दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष (2024-25) के लिए बीज मसाले की योजना (राज्य योजना) लागू की गई थी। इस योजना के तहत सरकार धनिया और मेथी की खेती (Coriander and Fenugreek Cultivation) क्षेत्र का और भी विस्तार करने हेतु किसानों को प्रेरित कर रही है। इसके लिए उद्यान विभाग की तरफ धनिया और मेथी जैसे मसालों की खेती करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। मसालों की खेती पर अनुदान देने का सरकार का मकसद किसानों को धनिया और मेथी उगाने के लिए पैसे देकर ज्‍यादा कमाई करने में मदद करना है। 

प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपए का अनुदान (Grant of 30 thousand rupees per hectare)

बीज मसाले की योजना बिहार के सभी 38 जिलों संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को खेती लागत पर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना में लाभ लेकर किसान आधी लागत पर धनिया और मेथी की खेती कर सकते हैं और फसल उत्पादन से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। उद्यानिकी विभाग के अनुसार, बीज मसाले योजना के तहत सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति 1.44 प्रतिशत लाभार्थि का चयन किया जाता है, जबकि प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाती है। 

किन्हें मिलेगा योजना का फायदा? (Who will get the benefit of the scheme?)

इस योजना के तहत धनिया और मेथी की खेती करने के लिए किसानों को आधुनिक तकनीकी की जानकारी दी जाएगी तथा उन्नत तरीके से उत्पादन करने हेतु खेती प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे किसान मेथी और धनिया का उत्पादन बड़े पैमाने पर कर सकेंगे और कम लागत पर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस योजनातंर्गत मसाले के क्षेत्र विस्तार पर अनुदान लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे.) के लिए मिलेगा। गैर-रैयत कृषक भी योजना में लाभ ले सकते हैं। धनिया और मेथी की खेती कम इनपुट लागत में होती है और इसने उत्पादन की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। ये दोनों मसाला वर्गीय फसल है, जो कम सिंचाई में अच्छी पैदावार देती है। इन फसलों की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। छोटे किसानों के लिए ये खेती फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि किसानों को बीज, सिंचाई उपकरण, जैविक खाद और अन्य इनपुट्स लागत पर आधा अनुदान इस योजना के तहत  मिल सकता है। 

ऑनलाइन आवेदन  प्रक्रिया क्या होंगी? (What will be the online application process?)

  • इच्छुक किसान खुद या ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) से विभागीय वेबसाइट पर बीज मसाले की योजना के लिए आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। 
  • सबसे पहले आप उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाएं। 
  • यहां होम पेज पर योजना विकल्प में  “बीज मसाले योजना” ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • नए पेज पर संबंधित कुछ जानकारी दर्ज कर “सहमत” वाले ऑप्शन पर क्लिक करें और “आवेदन के लिए आगे बढ़े” विकल्प पर क्लिक करें। 
  • आवेदन करने हेतु आवेदक के पास पहले से डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान पंजीकरण संख्या का होना अनिवार्य है। 
  • नए किसान डीबीटी पोर्टल पर रजिसट्रेशन कर डीबीटी पंजीकरण संख्या प्राप्त करें और आवेदन करें।  
  • योजना की अधिक जानकारी के लिए निकटतम कृषि या उद्यानिकी कार्यालय से संपर्क करें 
  • खेती के बारे में जरूरी तकनीकी जानकारी लेने के लिए कृषि विशेषज्ञों से परामर्श करें। 

Website - TractorGuru.in
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