हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर संकल्पबद्ध है, जिसके चलते सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि उपकरणों पर किसानों को 50 प्रतिशत और कस्टम हायरिंग सेंटर्स को 80 प्रतिशत का अनुदान देने का फैसला किया है। आईए इस खबर के माध्यम से हरियाणा सरकार के इस फैसले संबंधित पूरी जानकारी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी 2023 : फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत का अनुदान
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (subsidy on agricultural machinery) : मानसून के आगमन के साथ देशभर में खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई का कार्य चल रहा है। खरीफ फसलों में मुख्य रूप से किसानों द्वारा धान की फसल बोई जाती है। बुवाई के लगभग 4 से 5 महीने के पश्चात ही इन फसलों की कटाई का काम शुरू होता है और खेत में अगली फसलों की बुवाई का काम शुरू होता है। इस दौरान किसानों द्वारा फसल के अवशेष खेतों में जलाने जैसी घटनाएं देखने को मिलती है। पराली (फसल अवशेष) जलाने से दिल्ली सहित हरियाणा और पंजाब में भारी वायु प्रदूषण फैलता है। इस दौरान यहां स्थिति और भी खराब हो जाती है। फसल के अवशेष को खेतों में जलाने जैसी घटना को कम करने और प्रदूषण फैलने की स्थितियों से निपटने के लिए हरियाणा सरकार पहले से ही तैयारी शुरू कर रही है। मुख्यमंत्री खट्टर की हरियाणा सरकार फसल अवशेष के निस्तारण में काम आने वाली कृषि मशीनों पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान देने का निर्णय लिया है। आइए, इस लेख के माध्यम से इस संबंध में पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
फसल अवशेष मैनेजमेंट के काम आने वाले कृषि के यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान
खरीफ फसलों की बुवाई के साथ ही हरियाणा की खट्टर सरकार ने पराली के निस्तारण की तैयारियां शुरू कर दी है। फसल अवशेष मैनेजमेंट के काम आने वाले कृषि के यंत्रों पर सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान देगी। जिसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा ने आवेदन मांगे हैं। ऐसे में अगर आप हरियाणा के किसान है और इन मशीनों पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर 23 जुलाई से पहले आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने पराली मैनेजमेंट के काम आने वाली मशीनों पर सहकारी, समिति, किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) और पंचायत द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की व्यवस्था की है।
इस तरह किया जाएगा लाभार्थियों का चयन
फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनों पर सब्सिडी के लिए हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इच्छुक किसानों से 23 जुलाई से पहले ऑनलाइन आवेदन करने को कहा है। इच्छुक लाभार्थी किसान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन देने के पश्चात लाभार्थियों का चयन संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा। चयन के बाद लाभार्थी किसान सरकार द्वारा सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से मोलभोव कर अपनी पसंद के निर्माता से 50 प्रतिशत तक के अनुदान पर कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 18001802117 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान सहायक कृषि अभियंता और उप कृषि निदेशक कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन के काम आने वाले कृषि यत्रों पर सब्सिडी देने का उद्देश्य
हरियाणा सरकार का फसल अवशेष प्रबंधन के काम आने वाले कृषि यत्रों पर सब्सिडी देने का मुख्य उद्देश्य यह है कि खरीफ फसलों की कटाई के बाद फसल अवशेष को खेतों में जलाने की नौबत न आए और मशीनों पर सब्सिडी मिलने से किसान फसल के अवशेषों को बिना जलाए आसानी से निपटारा कर सकते हैं। इससे राज्य में पराली जलाने की घटनाएं कम हो जाएंगी और प्रदूषण भी नहीं फैलेगा।
किसानों को इन कृषि यंत्रों पर दिया जाता है अनुदान
हरियाणा सरकार हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट (एसएमएस), रोटरी सलेसर, मल्चर, बेलर, क्राप रीपर ( ट्रैक्टर चलित या स्वचलित), सुपर सीडर, बेलिंग मशीन, शर्ब मास्टर, स्लेसर, रिवर्सिबल एमबी प्लाउ, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन आदि फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों पर अनुदान देती हैं। इसके लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित करती है।
सब्सिडी के लिए इन दस्तावेजों की होती है आवश्यकता
बता दें कि इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए इच्छुक किसान के पास कुछ जरूरी दस्तावेज होना आवश्यक हैं। जिसमें आवेदक किसान का परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, स्वयं घोषणा पत्र जिसमें आवेदित किसान द्वारा पिछले 5 वर्षो में विभाग की किसी भी योजना में अनुदान का लाभ न लिया हो और फसल अवशेष न जलाने के बारे में घोषणा की गई हो, ट्रैक्टर की वैध आर.सी., बैंक खाता, जमीन के कागजात , अनुसूचित जाति से संबंधित किसानों के लिए जाति प्रमाण-पत्र, आधार से लिंक मोबाइल नंबर और पैन कार्ड आदि। बता दें कि सब्सिडी के लिए आवेदन वहीं किसान भाई कर सकते हैं, जिनका पंजीकरण ’’मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर पहले से है।
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