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आलू अधिवेशन : किसानों को मिला नकद पुरस्‍कार, उत्पादन और मुनाफा बढ़ाएं

आलू अधिवेशन : किसानों को मिला नकद पुरस्‍कार, उत्पादन और मुनाफा बढ़ाएं
पोस्ट -31 मई 2025 शेयर पोस्ट

आलू अधिवेशन :  किसानों को मिला नकद पुरस्‍कार, उत्पादन और आलू से मुनाफा बढ़ाने के टिप्स

देश के अलग-अलग राज्यों में बड़े स्‍तर पर कृषि प्रदर्शनी का आयोजन कर कृषकों को आधुनिक कृषि तकनीकों, यंत्रों और नवाचारों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर उत्पादों की गुणवत्ता, तकनीक एवं विपणन की जानकारी भी साझा की जा रही है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश लखनऊ में  'किसान तक' आलू अधिवेशन आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम को पूरी तरह से आलू पर आधारित था, क्योंकि इस दिन यानी 30 मई को विश्व आलू दिवस भी मनाया गया। विश्व आलू दिवस पर आयोजित “आलू अधिवेशन” कार्यक्रम में किसान से लेकर कृषि अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए और आलू की खेती, उत्‍पादों की गुणवत्ता और प्रोसेसिंग पर जानकारी साझा की। अध‍िवेशन का अंतिम सत्र 'आलू के आला महारथी' रहा। इसमें  चार प्रगतिशील आलू किसानों ने अपनी खेती की यात्रा और सफलता की कहानी साझा की। इस अधि‍वेशन का समापन अवार्ड सेरेमनी 'आलू सरताज' के साथ हुआ।  इस मौके पर विजेताओं के नाम की घोषणा की गई और इंडिया टुडे डिजिटल के ग्रुप कंसल्टिंग एडिटर बीवी राव द्वारा किसानों को नकद पुरस्‍कार और सर्ट‍िफि‍केट दिए गए। 

आलू का उत्पादन और मुनाफा बढ़ाने के दिए टिप्स (Tips to increase potato production and profit)

आलू अधिवेशन में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) मेरठ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ध्रुव कुमार ने आलू का उत्पादन और मुनाफा कैसे बढ़ाया जाए, इस पर जानकारी साझा की। साथ ही, आलू की खेती में लगने वाली खास बीमारियों और उन्हें नियंत्रित करने की जानकारी भी इस अधि‍वेशन में दी गई। प्रिसिंपल साइंटिस्ट डॉ. ध्रुव कुमार ने बताया कि आलू के उत्पादन के मामले में हम चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में आलू का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। आलू की दर्जनों ऐसी वैराइटी हैं, जो यूपी समेत दूसरे राज्यों में उत्पादित हो रही है। पुराने तौर-तरीकों को छोड़कर आज आलू की खेती में नई से नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।  यही वजह है कि यूपी में आलू उत्पादन 2 करोड़ टन से बढ़कर छह करोड़ टन पर पहुंच गया है।  प्रदेश में  प्रति हेक्टेयर भी आलू उत्पादन कई गुना बढ़ चुका है।  जरूरत के हिसाब से किस्म तय कर उगाई जा रही है। आलू की बहुत सारी बीमारियों को कंट्रोल कर लिया गया है। आलू स्टोरेज करना भी अब परेशानी नहीं रहा है। आलू से मुनाफा बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। अब तो आलू उत्पादन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद भी ली जाने लगी है।

आलू की खास बीमारी चेचक पर जानकारी (Information on smallpox, a special disease of potato)

अधिवेशन में डॉ. ध्रुव कुमार प्रधान वैज्ञानिक, सीपीआरआई, मेरठ ने आलू की खास बीमारी चेचक पर जानकारी देते हुए बताया कि इस बीमारी का अभी कोई इलाज नहीं है। अगर कोई एग्राे केमिकल कंपनी इसका इलाज और रक्षा रसायन होने का दावा करती है, तो वो एकदम गलत है। हालांकि कुछ उपाए ऐसे हैं जिसे अपनाने से चेचक को नियंत्रित किया जा सकता है। जैसे आलू की दो फसल चक्र के बीच 2 साल का अंतर रखें।  उन दो साल में सरसों और जौ की फसल लगाएं। इसके अलावा मई-जून में गहरी जुताई करके मिट्टी को भी पलट सकते हैं। वहीं झुलसा रोग से निपटने के लिए जब फसल 40-45 दिन की हो तो उस पर दवाई का स्प्रे कर दें।  यूपी आलू का बड़ा उत्पादक है फिर भी आलू प्रोसेसिंग में पीछे है इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. ध्रुव कुमार ने बताया कि प्रोसेसिंग के मतलब का आलू बिहार, गुजरात, असम, बंगाल और मध्यप्रदेश के इंदौर में होता है, जिसमें सारा खेल तापमान का होता है। उत्तर प्रदेश- पंजाब में उस तरह का तापमान नहीं मिल पाता है।  

आलू बीज पर 25 हजार की सब्सिडी (25 thousand subsidy on potato seeds)

उत्तर प्रदेश में देश के कुल आलू उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत पैदा होता है, बावजूद इसके प्रदेश के आलू किसान को अच्छा आलू बीज नहीं मिल पाता है। इस सवाल के बारे में डॉ. कौशल कुमार, ज्वाइंट डॉयरेक्टर, हार्टिकल्चर विभाग, उत्तर प्रदेश ने बताया कि केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) हमें 8 हजार क्विंटल प्रजनक बीज सुनिश्चित करता है। इसे हम 50 हजार क्विंटल में बदल देते हैं, जो आगे चलकर आलू की खेती करने वाले किसानों को दिया जाता है। हम प्रदेश में भी आलू के बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजना चला रहे हैं, जिसमें से एक योजना है कि यदि कोई किसान आलू बीज तैयार करता है तो उसे 25 हजार रुपए प्रति हेक्टर की सब्सिडी दी जाती है। साथ ही तकनीकी मदद भी की जाती है।  

कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सरकार कर रही मदद (Government is helping to build cold storage)

आलू अधि‍वेशन में जहां किसानों को आलू का उत्पादन, आलू से मुनाफा और प्रोसेसिंग की जानकारी दी गई। वहीं उन्हें ये भी बताया गया कि अगर किसान एफपीओ के तहत कोल्ड स्टोरेज बनाना चाहते हैं तो उसके लिए सरकार किस तरह से मदद कर रही है।  हार्टिकल्चर विभाग के ज्वाइंट डॉयरेक्टर डॉ. कौशल कुमार बताया कि बिना कोल्ड स्टोरेज के आलू स्टोर नहीं कर सकते हैं। अब कोल्ड में अच्छी तकनीक आ गई हैं।  कोल्ड स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ गई हैं। पहले 124 लाख टन आलू स्टोर हुआ था, अब 154 लाख टन हुआ है।  इतना ही नहीं उत्तर भारत का आलू दक्षि‍ण भारत में जा रहा है। यदि इसके बाद भी आलू के लिए कोई विपरीत हालात बनते हैं, तो सरकार उचित दाम पर किसानों से आलू की खरीद करती है। यह काम डीएम की निगरानी में हार्टिकल्चर विभाग द्वारा किया जाता है। 

आलू की खेती में एआई की एंट्री (Entry of AI in potato farming)

इस प्रोग्राम में आलू एक्सपर्ट ने बताया कि आलू की खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की एंट्री हो चुकी है।  आज हर किसान के हाथ में मोबाइल फोन है और इसी मोबाइल में उसकी हर परेशानी का इलाज है।  जरूरत बस उपयोग करने की है। यदि कोई किसान मोबाइल पर लिख नहीं सकता है, तो बोलकर अपनी परेशानी बता सकता है। एआई टूल्स चैट जीपीटी आज किसान की हर बात को किसी भी भाषा में सुनकर उसका जवाब दे रहा है। आज आलू ही नहीं हर तरह की खेती में तकनीक का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है, तकनीक की बदौलत ही यूपी आलू उत्पादन में दो करोड़ टन से छह करोड़ टन पर पहुंचे हैं। आलू के लिए मिट्टी, पानी और मौसम बहुत जरूरी है।  मिट्टी की हेल्थ बिगड़ रही है, उसमें किस तरह के सुधार की जरूरत है, पानी कब देना है, बीमारी कब लगने वाली है, मौसम कब बिगड़ने वाला है आदि बातों का यदि वक्त रहते पता चल जाए तो इससे अधिक आलू की फसल के लिए और कोई फायदे की बात नहीं हो सकती है। ये सब काम करता है एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)। एआई तकनीक से आलू में गुणवत्ता आती है और इससे बाजार में आलू अच्छा दाम बिकता है। 

किसानों को सर्ट‍िफि‍केट और नकद पुरस्‍कार (Certificate and cash prize to farmers)

'किसान तक' आलू अधिवेशन का समापन अवार्ड सेरेमनी 'आलू  सरताज' के साथ हुआ। इसमें विजेताओं के नाम की घोषणा कर सर्ट‍िफि‍केट और नकद पुरस्‍कार दिए गए। अधि‍वेशन के अंत में सीपीआरआई की ओर से मह‍िला किसानों को सम्‍मानित किया गया।  महिला किसानों को शॉल, पोटेटो कटर तथा तुलसी का पौधा देकर सम्‍मानित किया गया, जबकि कार्यक्रम के पांच सत्रों के दौरान प्रश्‍न-उत्‍तर प्रतियोग‍िता के विजेता किसानों को सर्टिफिकेट शॉल और नकद पुरस्‍कार देकर सम्‍मानित किया गया। अधिवेशन में पांच सत्र के कुल 15 विजेताओं को नकद पुरस्‍कार दिया गया, जिसमें प्रथम विजेता को 5000 रुपए, द्वितीय विजेता को 2000 रुपए और तृतीय विजेता को 1000 रुपए नकद पुरस्‍कार दिया गया, प्रत्येक सत्र से तीन विजताओं को पुरस्‍कृत किया गया। 

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