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पीएम-DDKY योजना: ₹947 करोड़ से डेयरी उद्योग को नई उड़ान

पीएम-DDKY योजना: ₹947 करोड़ से डेयरी उद्योग को नई उड़ान
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प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना से डेयरी और पशुधन उद्योग को मिली ₹947 करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के शुभारंभ के साथ सरकार ने दुग्ध उत्पादन और डेयरी क्षेत्र को नई गति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। पशुधन और डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ₹947 करोड़ की लागत वाले कई मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया है, वहीं ₹219 करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट्स की आधारशिला भी रखी गई है। ये पहलें न केवल दुग्ध उत्पादकों को नई ऊर्जा देंगी, बल्कि भारत को डेयरी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को भी मजबूत आधार प्रदान करेंगी। 

इस ऐतिहासिक सौगात का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देना, पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करना और किसानों की आय को बढ़ाना है। आइए, इस मेगा प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन और इसके तहत शुरू की गई प्रमुख पहलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

PM-DDKY के तहत शुरू होगा पशु स्वास्थ्य अभियान 

नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर (IARI संस्थान) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM-DDKY) के तहत ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करने में पशुधन, मत्स्य पालन और संबद्ध गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना हमारे पशुधन को ध्यान में रख कर शुरू की गई है. आप जानते ही हैं कि पशुओं को खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए जा चुके हैं। इससे पशु स्वस्थ हुए हैं और किसानों की चिंता भी कम हुई है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत, स्थानीय स्तर पर पशु स्वास्थ्य से जुड़े अभियान भी चलाए जाएंगे। 

पशुपालन, मछली और मधुमक्खी पालन पर फोकस

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने ग्रामीण समृद्धि के लिए विविधीकरण (Diversification) के महत्व पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा, जहां खेती संभव नहीं है, वहां पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा अन्य विकल्प भी दे रही है। इसलिए, अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन (Beekeeping) पर विशेष जोर दिया जा रहा है। यह प्रयास छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों को सशक्त बनाने में मदद कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया, "मुझे विश्वास है कि युवा साथी, किसानों के साथ मिलकर देश के सौ जिलों की खेती की तस्वीर बदल देंगे और मैं आपको विश्वास से कहता हूं जैसे ही इस गांव में खेती की तस्वीर बदलेगी, उस पूरे गांव की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी।"

डेयरी विकास और नस्ल सुधार को बड़ा प्रोत्साहन

इस दौरान, पूर्वोत्तर क्षेत्र की पहली आईवीएफ (IVF) प्रयोगशाला का भी उद्घाटन किया गया, जिसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ₹28.93 करोड़ के निवेश से गुवाहाटी (असम) में स्थापित किया गया है। यह अत्याधुनिक सुविधा पूर्वोत्तर राज्यों में डेयरी विकास और नस्ल सुधार को एक बड़ा प्रोत्साहन देगी। डेयरी नेटवर्क का विस्तार करते हुए, एनपीडीडी (NPDD) के तहत ₹219 करोड़ के कुल निवेश के साथ, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुप्पम मंडल में एक एकीकृत डेयरी संयंत्र और 200 टीपीडी (टन प्रति दिन) मवेशी चारा संयंत्र की आधारशिला भी रखी गई।

डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत, बड़े पैमाने की कई डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का भी उद्घाटन किया गया। ये परियोजनाएं देश में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाएंगी। 

प्रमुख परियोजनाएं 

परियोजना / मिल्क यूनियन

स्थान

लागत (₹ करोड़)

क्षमता / विशेषताएं

मेहसाणा मिल्क यूनियन परियोजना

मेहसाणा, गुजरात

460

120 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता वाला मिल्क पाउडर प्लांट - 3.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला यूएचटी प्लांट

इंदौर मिल्क यूनियन परियोजना

इंदौर, मध्य प्रदेश

76.50

30 टन प्रतिदिन क्षमता वाला मिल्क पाउडर प्लांट

भीलवाड़ा मिल्क यूनियन परियोजना

भीलवाड़ा, राजस्थान

46.82

25,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला यूएचटी प्लांट

ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट

नुस्तुलापुर, करीमनगर, तेलंगाना

25.45

नया डेयरी प्लांट विकसित किया गया

ये परियोजनाएं भारत के विभिन्न क्षेत्रों में डेयरी उद्योग को मजबूत करेंगी। इन परियोजनाओं से स्थानीय पशुपालकों एवं किसानों की आय बढ़ेगी, और दुग्ध उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार (रिफॉर्म) किए गए, जिसके परिणाम आज हमारे सामने हैं। बीते 11 वर्षों में कृषि निर्यात करीब-करीब दो गुना हो गया है। अनाज उत्पादन में लगभग 900 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया है। आज दूध उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर वन है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फिश प्रोड्यूसर (मछली उत्पादक) है। शहद और अंडे का उत्पादन भी बीते 11 वर्षों में दोगुना हो गया है।

बीते 11 साल में प्रमुख सरकारी पहल 

  1. इस दौरान देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर (उर्वरक) फैक्ट्रियां बनाई गई हैं।
  2. किसानों को 25 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड्स (Soil Health Cards) मिले हैं।
  3. 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई (Micro-Irrigation) की सुविधा पहुंची है।
  4. पीएम फसल बीमा योजना (PM Crop Insurance Scheme) के तहत किसानों को क्लेम के रूप में करीब दो लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
  5. बीते 11 साल में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ (FPOs) भी बने हैं।

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