Pusa Chana 4037 Ashwini : जलवायु की बदलती परिस्थितियों एवं अन्य कारकों से उत्पन्न चुनौतियों के चलते देश में चने की उत्पादकता में कमी देखी जा रही है। किसान चने की खेती से कतरा रहे हैं। इसको देखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अधिक उपज देने वाली नई-नई चना किस्मों को विकसित किया जा रहा है, ताकि फसल उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि की जा सके। इस कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा, नई दिल्ली द्वारा चने की नई किस्म “पूसा चना 4037 अश्विनी” को विकसित किया गया। चने की यह उन्नत कम लागत में 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की संभावित उपज दे सकती है। पूसा चना 4037 (अश्विनी) नई उच्च उपज वाली रोग प्रतिरोधी चना किस्म है, जिससे विभिन्न चना उत्पादक राज्यों में खेती के लिए अधिसूचित किया गया है।
आईएआरआई- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली द्वारा विकसित पूसा चना 4037 (अश्विनी) को वर्ष 2025 में केंद्रीय किस्म विमोचन समिति (CVRC) द्वारा अधिसूचित किया गया है। यह चना किस्म (Chickpea variety) उन किसानों के लिए सबसे उपयुक्त है, जो श्रम लागत में उच्च लाभ चाहते हैं। प्रोटीन की अधिक मात्रा इसे पोषण के लिहाज से एक बेहतरीन विकल्प बनाती है। बता दें कि उच्च उपज वाली इस नई चना किस्म का नाम “अश्विनी” पूसा की एक प्रतिभाशाली छात्रा एवं वैज्ञानिक डॉ.अश्विनी के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने हाल ही में तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ में अपनी जान गवां दी थी।
पूसा चना 4037 अश्विनी किस्म को खासतौर पर उत्तर-पश्चिम मैदानी क्षेत्र जैसे - पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए अधिसूचित किया गया है। यह नई चना किस्म क्षेत्र की जलवायु परिवर्तन अनुकूल और रोग प्रतिरोधी है, जिसके चलते यह इन क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है और यह किस्म किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार देती है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y