सरकार गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (SAP) में नियमित रूप से वृद्धि कर रही है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गन्ने के समर्थन मूल्य (SAP) में वृद्धि की घोषणा की है। सरकार ने गन्ने के भाव में ₹15 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, जिससे अब किसानों को ₹415 प्रति क्विंटल का रेट मिलेगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ, हरियाणा देश में सबसे अधिक गन्ना मूल्य प्रदान करने वाला राज्य बन गया है। राज्य सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला किसानों की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार ने गन्ने के मूल्य में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर उन किसानों को बड़ी राहत दी है, जो अपनी फसल को चीनी मिलों में पिराई के लिए बेचते हैं। इस निर्णय के तहत अब राज्य के किसानों को अगेती किस्म के गन्ने के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल की जगह 415 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा, जबकि पछेती किस्म के लिए 393 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 408 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य मिलेगा। सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी किसानों के लिए दीपावली का तोहफा है, जो उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मान देने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों के हित में है, बल्कि यह राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को देश में सबसे अधिक समर्थन मूल्य देकर, हम उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाने का प्रयास कर रहे हैं। गन्ना मूल्य में यह वृद्धि दीपावली के पर्व को और अधिक उज्ज्वल व मीठा बनाएगी। उल्लेखनीय है कि गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने 2025-26 (अक्टूबर-सितंबर) सीज़न के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) ₹355 प्रति क्विंटल घोषित किया है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन चीनी मिलों की वसूली 9.5 प्रतिशत से कम है, उनके मामले में कोई कटौती नहीं की जाएगी। ऐसे किसानों को 2025-26 के आगामी सीज़न में गन्ने के लिए ₹329.05 प्रति क्विंटल मिलेंगे।
अब हरियाणा में गन्ना 400 की जगह 415 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा, जो देश में सबसे अधिक दर है। दिलचस्प बात यह है कि राज्य के नूंह जिले में किसानों को सरकारी दर से भी अधिक कीमत मिल रही है। यहां गन्ना खेतों में ही 500 से 550 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। किसानों को कहना है कि जिले में कोई सरकारी चीनी मिल न होने के कारण किसान अपना गन्ना सीधे निजी खरीदारों को बेच रहे हैं। ये खरीदार खेतों से ही गन्ना ट्रैक्टर-ट्राली या छोटे वाहनों में भरकर राजस्थान और आसपास के जिलों में ले जाते हैं। इससे किसानों को ढुलाई और भंडारण की परेशानी नहीं होती और खेत पर ही फसल बिक जाने से बेहतर दाम मिल रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें सरकारी भाव से करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक कीमत मिल रही है। एक एकड़ गन्ने से डेढ़ से दो लाख रुपए तक की आमदनी हो रही है।
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