PM Fasal Bima Scheme 2025-26 : पीएम फसल बीमा योजना केंद्रीय क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण योजना है। राज्यों में इस योजना को क्रियान्वित कर सरकार द्वारा किसानों को फसल जोखिम राहत प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्यों में फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों और कीटों से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है। इस बीच महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बड़े फर्जीवाडे की खबर सामने आ रही है। कुछ लोगों ने फसल बीमा योजना में लाभ उठाकर सरकार को धोखा देने की कोशिश की है, जिसको देखते हुए महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने एक रुपए वाली फसल बीमा योजना को बंद कर दिया है और फिर से फसल बीमा योजना में पुराना सिस्टम लागू कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि एक रुपए वाली फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) में कई अनियमितताएं और लाखों फर्जी दावा आवेदन पाए गए, जिसके चलते इसे बंद करने का फैसला लिया गया। बता दें कि यह योजना महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर बनी थी। इस योजना के कारण किसानों ने महायुति को वोट दिया। आइए, सरकार के इस फैसले से किसानों को क्या फायदे और नुकसान होंगे, इसके बारे में जानते हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मार्च 2023 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को एक रुपए के मामूली प्रीमियम पर देने की शुरूआत की थी। महाराष्ट्र में यह योजना किसानों को एक रुपए प्रीमियम पर फसलों का बीमा करने की अनुमति देती है। इस योजना के तहत किसानों को अपनी जेब से केवल 1 रुपए का प्रीमियम देना होता था, जबकि शेष प्रीमियम राशि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा बीमा कंपनियों को दिया था। इससे पिछले वर्षों की तुलना में आवेदकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ था। 2024-25 में 5.9 लाख फर्जी दावे सामने आए। इसके बाद सरकार ने एक रुपए वाली फसल बीमा योजना को बंद करने का फैसला किया है। एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा योजना को खत्म करने के बाद राज्य को सालाना 5,000 से 6,000 करोड़ रुपए तक की बचत हो सकती है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए गए फैसल के अनुसार, अब पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसान खरीफ के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और नकदी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम बीमा कंपनियों को अदा करेंगे। सरकार का कहना है कि हम नहीं चाहते थे कि गरीब किसान इस योजना से वंचित रहें और बीमा कंपनियों को फायदा हो। इस योजना का एक बेहतर विकल्प तैयार किया जा रहा है। अभी, राज्य में इस योजना के जगह पुरानी फसल बीमा योजना लागू होगी।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक रुपए वाली फसल बीमा योजना में गड़बड़ियों की जांच एसआईटी कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार की जांच में पता चला है कि 2024-25 में 5.9 लाख फर्जी आवेदन फसल बीमा योजना के लिए आए थे। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में कॉमन सर्विस सेंटर पर धांधली की गई। 96 से ज्यादा सेंटरों ने फर्जी आवेदनों को प्रोसेस किया। दूसरे राज्यों के लोगों को भी इसमें शामिल किया गया। कुछ मामलों में जिस जमीन का बीमा कराया गया था, वह खेती योग्य नहीं थी या पूरी तरह से खाली पड़ी थी। बताया जाता है कि इन फर्जी आवेदनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने बीमा कंपनियों को 478.5 करोड़ रुपये का प्रीमियम का भुगतान किया था। अगर ये फर्जी आवेदक नहीं पकड़े जाते, तो किसी आपदा के बाद सरकार को 6,000 करोड़ रुपए का नुकसान होता।
अधिकारी ने बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर को हर आवेदन के लिए 40 रुपये का मानदेय मिलता है। अधिक मानदेय के चक्कर में उन्होंने आवेदकों की संख्या बढ़ा दी। आंकड़ों के अनुसार, साल 2021-22 में फसल बीमा के लिए 96 लाख आवेदन आए थे, जबकि साल 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 1.04 करोड़ पहुंच गई थी। एक रुपए वाली पीएम फसल बीमा योजना शुरू होने के बाद वर्ष 2023-24 में आवेदकों की संख्या 2.42 करोड़ और 2024-25 में 2.11 करोड़ तक हो गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 2024-25 में खरीफ सीजन के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा प्रीमियम के तौर पर 7,539 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसमें केंद्र की तरफ से 3,060 करोड़ रुपये और राज्य की तरफ से 4,479 करोड़ रुपए दिया गया । वहीं, रबी सीजन के लिए 1,684 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जिसमे केंद्र ने 643 करोड़ रुपये और राज्य की हिस्सेदारी 1,040 करोड़ रुपए की थी।
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने एक कार्यक्रम के दौरान हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, हम किसानों को एक रुपए में फसल बीमा मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस राशि का गलत प्रयोग कर रहे हैं। कॉन्फ्रेंस में उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार इस स्कीम को बंद करके 100 रुपये वाली फसल बीमा योजना को शुरू करने के बारे में सोच रही है, जिस पर उन्होंने जवाब दिया था, ' इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन योजना में अनियमितताएं और दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ फैसले लिए जाएंगे।' हमने योजना का एक बेहतर विकल्प तैयार किया है।
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