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किसानों को किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर व अन्य कृषि यंत्र

किसानों को किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर व अन्य कृषि यंत्र
पोस्ट -19 फ़रवरी 2025 शेयर पोस्ट

छोटे किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर व अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकर ने लागू की विशेष योजना

Custom Hiring Center yojana : कृषि कार्यों के लिए अधिक से अधिक किसान कृषि यंत्रों/मशीनरी का इस्तेमाल कर सके, इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित अनुदान योजनाओं के तहत राज्यों में कृषि यंत्रों के साथ, फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग केंद्र खोले जा रहे हैं, जिसके लिए व्यक्ति किसानों एवं किसान समूह को अनुदान दिया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज़्यादा किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सहित अन्य कृषि यंत्र/उपकरण उपलब्ध कराया जा सकें। इसी कड़ी में हरियाणा के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। किसानों को कृषि यंत्र, ट्रैक्टर और हार्वेस्टर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकर ने एक विशेष योजना लागू की है। इसके तहत कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू किया गया है, जहां से किसानों को अब कृषि यंत्र, ट्रैक्टर और हार्वेस्टर मशीन किराए पर मिलेंगे। यह पहल हरियाणा सरकार के कृषि मशीनरीकरण अभियान को नई गति देगा तथा किसानों को उन्नत कृषि मशीनरी और यंत्र उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। 

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निर्माताओं को मिलेगा सीधा लाभ (Manufacturers will get direct benefits)

दरअसल, उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टी.टी.सी.केंद्र) हिसार, हरियाणा में इंडिया एग्री एग्जिबिशन, करनाल द्वारा तीन दिवसीय कृषि दर्शन एक्सपो का आयोजन किया गया। 15 फ़रवरी के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा इंडिया एग्री एक्सपो का शुभारंभ किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब से कृषि ट्रैक्टरों के केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट अब से एनआरएफएमटीटीआई, हिसार (हरियाणा) से मिलना शुरू हो जाएगा। इससे उत्तर भारत में कृषि क्षेत्रों से जुड़े निर्माताओं को सीधा लाभ मिलेगा।

किसानों को किराए पर उपलब्ध कराएं जाएंगे खेती के यंत्र (Farming equipment will be made available to farmers on rent)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान में अब से कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center) का शुभारंभ भी होने जा रहा है, जहाँ से छोटे और सीमांत किसानों द्वारा रोटावेटर, लैंड लेवेलर, सुपर सीडर, हल, ट्राली जैसी कृषि मशीनरी को किराए पर लिया जा सकेगा और किसान अपने खेत में इन यंत्रों का उपयोग कर पैदावार बढ़ा सकेंगे। इस अवसर पर उन्होंने कृषि यंत्र निर्माताओं से आग्रह करते हुए कहा कि किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खेती में इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे उपकरण डिजाइन करें, जो उनके लिए किफायती हो। इनोवेशन की महत्ता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यह कार्य कृषि के इंजीनियर और मैन्युफैक्चरर्स मिलकर कर सकते हैं।

कृषि यंत्र, ट्रैक्टर और हार्वेस्टर के लिए विशेष योजना (Special scheme for agricultural machinery, tractors and harvesters)

कृषि दर्शन एक्सपो 2025 में मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को  कृषि यंत्र, ट्रैक्टर और  हार्वेस्टर जैसे अत्याधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के लिए विशेष योजनाएं लागू कर रही है। राज्य के छोटे और सीमांत किसानों के लिए कृषि मशीनरी को किराये पर उपलब्ध कराने की योजना भी तैयारी कर रही है, ताकि कृषि में कम से कम लागत में अधिक उत्पादन हासिल कर किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी समस्या पराली (फसल अवशेष) का उचित प्रबंधन के लिए राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों (Crop Residue Management Equipment) के लिए करीब 1213 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। 

किसानों को सिंचाई उपकरणों के दी जा रही सब्सिडी (Subsidy being given to farmers for irrigation equipment)

इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि कृषि में नई तकनीक, उन्नत बीजों, जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा फायदा उठाएं। जिस प्रकार से जल का लेवल नीचे जा रहा है, इसका ख्याल रखते हुए किसान जल संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रीत करें। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसान सिंचाई के उन्नत प्रणाली स्प्रिंकलर और ड्रिप इरीगेशन की तरफ बढ़ने का काम करें। राज्य सरकार द्वारा ऐसे सिंचाई उपकरणों के लिए विभिन्न सिंचाई योजनाओं के तहत 70 से 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। 

किसान खेती में करें नई तकनीकों का उपयोग (Farmers should use new technologies in farming)

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कृषि दर्शन प्रदर्शनी किसानों को उन्नत कृषि की नई तकनीकों की जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगी। इस कृषि मेले में प्रदर्शती कृषि यंत्रों और नई तकनीकों के माध्यम से किसान न केवल अपनी उपज बढ़ा सकते हैं, बल्कि लागत भी कम कर सकते हैं। किसान ड्रोन तकनीक, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर सकते हैं। कृषि ड्रोन तकनीक से खेतों की निगरानी करना, फसलों में खाद और कीटनाशकों का छिड़काव करना पहले से अधिक आसान हो गया है। सेंसर के माध्यम से मृदा की नमी, तापमान और अन्य पोषक तत्वों का स्तर मापा जा सकता है, जिससे किसान आवश्यकताओं के अनुसार सिंचाई और खाद की निर्धारित मात्रा डाल सकते हैं, जिससे जल और उर्वरकों दोनों की बचत होगी और गुणवत्तायुक्त उत्पादन भी बढ़ेगा। 

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