पशुपालक किसानों की आय बढ़ाने और आम जनता को महंगाई से राहत पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच कर्नाटक की जनता के लिए एक चौंकाने वाली और किसानों को राहत पहुंचाने वाली खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने किसानों के हितों में एक बड़ा फैसला लेते हुए नंदिनी दूध और दही की विक्रय मूल्य में एक साथ 4 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। दूध के भाव में बढ़ोतरी का यह नया फैसला 1 अप्रैल 2025 से राज्य में लागू होगा। इसके अलावा, बढ़े हुए दाम के साथ अतिरिक्त पैसा किसानों के खाते में जमा कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। सरकार का इस फैसले का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन की बढ़ती लागत और डेयरी किसानों को सहायता देना है।
कैबिनेट की बैठक के बाद पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि “मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह सहमति बनी कि दूध उत्पादन और प्रोसेसिंग की लागत (Cost of processing) को देखते हुए नंदिनी दूध और दही का विक्रय मूल्य में 4 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया जाए।” मंत्री ने यह भी जोड़ा कि इस बढ़ोतरी का पूरा लाभ सीधे दूध उत्पादक किसानों तक पहुंचाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि सरकार का यह फैसला राज्य में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए जरूरी था, क्योंकि पिछले कई महीनों से दुग्ध उत्पादक किसान संगठन और पशुपालन विभाग उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की शिकायत कर रहे थे।
मंत्री ने बताया कि दूध और दही की कीमतों में बढ़ोतरी के इस फैसले को राज्य के मिल्क फेडरेशन का समर्थन मिला है। कर्नाटक सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ (KMF) द्वारा संचालित नंदिनी ब्रांड के दूध और दही की कीमतों में यह बढ़ोतरी आम लोगों के लिए एक बड़ा झटका और किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। राज्य में अभी तक एक लीटर नंदिनी टोंड दूध की कीमत 44 रुपए थी, जो अब बढ़कर 48 रुपए हो जाएगी। इसी प्रकार, दही की कीमत भी 4 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ाई गई है, जिससे दही की कीमत 50 से 54 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। सरकार का कहना है कि इससे पहले, 5 मार्च को कर्नाटक सरकार ने कहा था कि वह राज्य में केएमएफ की ओर से सप्लाई किए जाने वाले नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाने जा रही है। 10 फरवरी को कर्नाटक राज्य रैयत संघ तथा ग्रीन ब्रिगेड ने बेंगलुरु में केएमएफ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और दूध बिक्री मूल्य कम से कम 50 रुपए प्रति लीटर करने की मांग की।
दूध की कीमतों में वृद्धि पर जानकारी देते हुए कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन रजन्ना ने बताया कि, मिल्क फेडरेशन और किसानों के दबाव के चलते कीमतों में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा, "यह फैसला मिल्क फेडरेशन की ओर से लिया गया है, वे 5 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि करने की मांग कर रहे थे, सरकार ने इस पर सहमति जताई और 1 अप्रैल 2025 से 4 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि का फैसला हुआ। दूध पर बढ़े हुए पूरे 4 रुपए सीधे किसानों को मिलने चाहिए..." सरकार का कहना है कि यह फैसला किसानों के हित में उठाया गया है, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके। हालांकि, दूध के मूल्य में हुई इस अचानक वृद्धि ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला है। 1 अप्रैल से लागू होने वाली इस नई दरों के साथ, लोग अब अपने दैनिक खर्च को फिर से संतुलित करने की तैयारी में जुट गए हैं।
इससे पहले, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के अध्यक्ष भीमा नाइक ने भी दूध की कीमतों में वृद्धि की संभावना के संकेत दिए थे। केएमएफ अपने डेयरी उत्पाद को 'नंदिनी' ब्रांड के अंतर्गत बेचता है। साल 2024 में, केएमएफ (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन) ने दूध की बिक्री कीमत में प्रति पैकेट 2 रुपए की वृद्धि की थी और प्रति पैकेट मात्रा में 50 मिलीलीटर की वृद्धि की थी। केएमएफ का कहना है कि 2024 में कीमतों में वृद्धि कोई वृद्धि नहीं थी, क्योंकि सप्लाई की गई दूध की मात्रा में भी वृद्धि हुई थी। अभी 1,050 मिलीलीटर के नियमित नंदिनी टोंड दूध पैकेट की कीमत 44 रुपए है।
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