ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) योजना : केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक “ ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार " (ई-नाम) योजना में बड़ा बदलाव हुआ है। सरकार के फैसले के अनुसार, अब ई-नाम स्कीम सब्सिडी और अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आवेदक किसानों को आधार देना अनिवार्य कर दिया गया है। आधार अनिवार्य करने का मुख्य उद्देश्य इस योजना को पहले से और अधिक पारदर्शी बनाना है। ऐसे में अब अगर कोई किसान ई-नाम पोर्टल (e-NAM Portal) पर जुड़ना चाहता है और इस योजना का लाभ लेना चाहता है, तो उसे अपने आधार का विवरण देना होगा। पहले यह अनिवार्य नहीं था।
ई-नाम योजना एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा एपीएमसी/मंडियों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। यह किसानों को अपनी उपज का व्यापार उनके नजदीकी ई-नाम मंडियों के माध्यम से करने की सुविधा देता है और खरीदारों को किसी भी स्थान से ऑनलाइन बोली लगाने में सक्षम बनाता है। ई-नाम सभी कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) से संबंधित सेवाओं और सूचनाओं के लिए एकल खिड़की सेवाएं प्रदान करता है। ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) योजना के माध्यम से किसानों को सब्सिडी एवं अन्य सेवाएं जैसे- वस्तुओं की आवक, आर्टिफिशियल इंटेलिजंस आधारित मशीनों/उपकरणों द्वारा गुणवता परख, ई-बोली, खाते में सीधे ई-भुगतान आदि सुविधाएं मिलती है। इन सेवाओं का लाभ पात्र किसानों और व्यापारियों को मिले, इसके लिए सरकार ने आधार को अनिवार्य कर दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) स्कीम में सब्सिडी और सेवाओं के लाभ देने में बड़ी धांधली चल रही थी, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने इस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल पर आधार विवरण देना अनिवार्य कर दिया है। ई-नाम पर पंजीकृत खाता आधार से एकीकृत होने के बाद इसमें धांधली की आशंका कम हो जाएगी। साथ ही पोर्टल पर नाम जोड़ने में चल रहे फर्जीवाड़े की आशंका कम हो जाएगी। इससे असली किसानों को योजना की सब्सिडी एवं अन्य योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते में मिलेगा।
सरकार का ध्यान उपज की बिक्री में बिचौलियों के दखल को कम करना है, ताकि सरकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ सीधा असली किसानों के खाते में पहुंचे। लेकिन आधार डिटेल अनिवार्यता में एक समस्या भी बताई जा रही है। अगर काेई किसान ई-नाम प्लेटफॉर्म (e-NAM Portal) पर अपने आधार डिटेल्स को नहीं जोड़ेंगे, वे सरकारी सेवाओं से वंचित रह जाएंगे। इससे ई-नाम पोर्टल के मुख्य उद्देश्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें सरकार किसानों को उनकी उपज सीधे व्यापारियों को बेचने के लिए बढ़ावा दे रही है। e-NAM के जरिये किसानों को उपज का सही और समय पर रेट मिलता है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसान और व्यापारी किसी भी स्थान से ऑनलाइन कारोबार करते हैं। इस प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने ई-नाम पर आधार को अनिवार्य कर रही है, जो कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
ई-नाम पोर्टल के माध्यम से 231 कृषि उत्पादों का व्यापार होता है। इस पहल के जरिए सरकार कृषि वस्तुओं के कवरेज को बढ़ावा और किसानों और व्यापारियों को डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से फायदा लेने के ज्यादा मौके दे रही है। विपणन और निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई) ने 221 कृषि वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंड तैयार किए हैं। हाल ही इनमें 10 अतिरिक्त कृषि वस्तुएं इस लिस्ट में जुड़ गई है, जिनमें सूखी तुलसी की पत्तियां, बेसन (चने का आटा), गेहूं का आटा, चना सत्तू (भुना हुआ चने का आटा), सिंघाड़े का आटा कृषि उत्पाद नाम से, हींग, सूखी मेथी की पत्तियां मसालों उत्पाद में, सिंघाड़ा, बेबी कॉर्न सब्जियों में और ड्रैगन फ्रूट को फल उत्पाद में शामिल किया गया है।
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