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Paddy Procurement: एमएसपी पर धान बेचने के लिए 97 हजार किसानों ने बुक कराए स्लॉट

Paddy Procurement: एमएसपी पर धान बेचने के लिए 97 हजार किसानों ने बुक कराए स्लॉट
पोस्ट -08 दिसम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Paddy Procurement : एमएसपी पर चल रही उपज की खरीद, धान के लिए 97 हजार से अधिक किसानों ने बुक कराए स्लॉट

देश में किसानों से खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान सहित अन्य उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद चल रही है। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित लक्ष्य के करीब–करीब उपार्जन कर लिया है। वहीं, धान का कटोरा कहे जाने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार द्वारा किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर जारी है। इसमें अब मध्यप्रदेश राज्य भी शामिल हो चुका है। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी का काम 2 दिसंबर से शुरू किया जा चुका है। किसानों को धान उपज बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो, इसको लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य मंत्रिमंडल की मीटिंग के पहले मंत्रीगण को संबोधित करते हुए कहा कि सोयाबीन और धान खरीदी के लिए बनाए गए उपार्जन केन्द्रों का अवलोकन करें। उपार्जन में किसानों को अगर किसी प्रकार की कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित विभाग के संज्ञान में लाएं। मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि राज्य में 25 अक्टूबर से सोयाबीन का उपार्जन चल रहा है। उपार्जन 31 दिसम्बर 2024 तक होगा। अब तक प्रदेश में 77 हजार से अधिक किसानों से 2 लाख 4 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी जा चुकी है। उपार्जन केंद्रों पर प्रतिदिन करीब 20 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन की आवक हो रही है।

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धान बेचने के लिए किसानों ने किया पंजीयन (Farmers registered to sell paddy)

प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि इस खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए धान का उपार्जन 2 दिसंबर से शुरू हो चुका है। कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए और ग्रेड-ए धान का 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इन्हीं दरों पर किसानों की एफएक्यू गुणवत्ता की उपज उपार्जित की जा रही है। एमपी में धान का उपार्जन 20 जनवरी 2025 तक किया जाएगा। किसानों से उपज की खरीद प्रत्येक सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक की जा रही है। अब तक 428 किसानों से 2810 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हो चुका है। धान के उपार्जन के लिए 1184 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इन पर लगभग 7 लाख 68 हजार किसानों द्वारा धान उपज बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया गया है। 

किसान बुक करा चुके हैं स्लॉट (Farmers have booked slots)

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने बताया कि 4 दिसंबर तक 97 हजार से अधिक किसान उपार्जन केंद्रों पर उपज विक्रय के लिए स्लॉट बुक करा चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक,  4 दिसंबर 2024 तक जिला बालाघाट में 859, सतना में 519, सिंगरौली में 252, मंडला 205, बैतूल 173, अनूपपुर 171, कटनी 149, रीवा 135, मैहर 111, सागर 61, शहडोल 43, सीधी 42, नरसिंहपुर 30, नर्मदापुरम 28, पन्ना 25, दमोह 6 और जिला मऊगंज में 1 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अनुसार, इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जाएगी। गोदाम स्तर पर खाद्यान्न की गुणवत्ता का परीक्षण उपार्जन एजेंसी के गुणवत्ता सर्वेयर द्वारा स्टेक लगाने के पहले किया जाएगा। परिवहनकर्ता द्वारा उपार्जित खाद्यान्न का परिवहन समय-सीमा में नहीं करने पर पेनाल्टी की व्यवस्था साप्ताहिक रूप से की जाएगी।

आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान (Payment to Aadhaar Linked Bank Account)

उपार्जन के बाद भुगतान, किसान पंजीयन के दौरान आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में किया जा रहा है। धान उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से उपार्जन केंद्र पर लाई जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर्स को दिए गये हैं। पंजीयन एवं उपार्जन में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए जिला और राज्य स्तर पर भी तकनीकी सेल का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति उपार्जन संबंधी सभी विवादों का अंतिम निराकरण तथा उपार्जित खाद्यान्न की गुणवत्ता की निगरानी कर रही है। राज्य स्तर पर एक कंट्रोल-रूम भी स्थापित किया गया है, जिसका संपर्क नंबर 0755-2551471 है। यह उपार्जन अवधि में प्रात: 9 से रात 7 बजे तक संचालित है।

प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से ही खरीदी जा रही धान (Paddy is being purchased at the rate of 21 quintals per acre)

इधर, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में इस वर्ष भी किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से ही धान खरीदी की जा रही है। प्रदेश में 14 नवंबर से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन किया जा रहा है। यह उपार्जन 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। 5 दिसंबर 2024 तक 2739 उपार्जन केंद्रों में कुल 29.22 लाख मैट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। प्रदेश में खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए कुल पंजीकृत 27.78 लाख कृषकों में से अब तक 6 लाख 15 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया है। उपार्जित धान की राशि संबंधित किसानों के बैंक खाते में नियमित रूप से हस्तांतरित की जा रही है। 

मिली जानकारी के अनुसार, विपणन संघ द्वारा 6727 करोड़ 93 लाख रुपए अपेक्स बैंक को उपार्जित धान के एमएसपी मूल्य के रूप में अंतरित किए जा चुके हैं। किसानों के हितों का ख्याल रखते हुए उपार्जन केन्द्रों में अपेक्स बैंक द्वारा माइक्रो एटीएम की व्यवस्था भी की गई है, जिसके माध्यम से किसान 2,000 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक की राशि निकाल सकते हैं। इससे किसानों को धान बेचने के लिए परिवहन के लिए किराये पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी।

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