Krishi Mela 2025 Madhya Pradesh : किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने एवं उन्नत कृषि यंत्रों के साथ-साथ खेती से जुड़ी अन्य जानकारी देने के लिए राज्य स्तरीय कृषि मेला (State Level Agriculture Fair) आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार नित नए नवाचार कर रही है। निवेश और रोजगार के लिए उद्योग कॉन्क्लेव के सफल आयोजन के बाद, सरकार ने प्रदेश के किसानों की खुशहाली और समृद्धि को दोहराते हुए सभी संभागों में कृषि मेलों का आयोजन करने का फैसला लिया है। इस महत्वपूर्ण फैसले के तहत मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में 26 से 28 मई के दौरान कृषि आधारित उद्योगों का सम्मेलन सह विशाल कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय कृषि मेले में मध्यप्रदेश सरकार किसानों को कृषि की नई तकनीकों की जानकारी के साथ ही अन्य तकनीकी सुविधाओं से अवगत कराएगी। साथ ही कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने एवं निवेश करने पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही किसानों को सब्सिडी वाले आधुनिक कृषि यंत्रों की बुकिंग कराने की सुविधा मिलेगी।
कृषि सचिव एम. सेल्वेन्द्रम ने बताया कि, मध्यप्रदेश सरकार किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों की जानकारी के साथ ही अन्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से प्रदेश में बीते दिनों से राज्य स्तरीय “कृषि मेलों” (State Level Agriculture Fair) का आयोजन कर रही है, जिसकी शुरुआत अप्रैल माह में हो चुकी है। मंदसौर जिले के सीतामऊ “राज्य स्तरीय मेले” का आयोजन अप्रैल माह में सफलतापूर्वक होने के बाद अब अगला आयोजन 26 मई को नरसिंहपुर जिले में होने जा रहा है। प्रदेश सरकार ने कृषि मेले की थीम “कृषि उद्योग समागम” रखी गई है। कृषि उद्योग समागम का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में होगा। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल मौजूद रहेंगे।
कृषि सचिव ने बताया कि 26, 27 और 28 मई के दौरान जिला मुख्यालय नरसिंहपुर में कृषि आधारित उद्योगों का सम्मेलन सह विशाल कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। इस बार आयोजित होने वाला यह कृषि मेला तीन दिवसीय रहेगा। उन्होंने बताया कि “कृषि उद्योग समागम 2025” प्रदेश में कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी उन्नयन एवं कृषक कल्याण को समर्पित है। नरसिंहपुर कृषि उपज मंडी के आयोजित होने वाले कृषि उद्योग समागम का उद्देश्य मध्यप्रदेश में कृषि और उद्यानिकी पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, फूड प्रोसेसिंग में निवेश आकर्षित करने एवं किसानों को बेहतर बाजार से जोड़ना है। यह समागम उद्योगपतियों, कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ/FPO) और नीति निर्माताओं के बीच संवाद, नीति प्रस्तुति एवं सहयोग के अवसर प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम में उद्योग यूनिट्स का शिलान्यास (नींव) एवं लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही उद्योगपतियों को भूमि आवंटन पत्र और आशय पत्र बांटे जाएंगे।
कृषि सचिव एम. सेल्वेन्द्रम ने बताया कि नरसिंहपुर जिले में इस बार तीन दिवसीय “कृषि उद्योग समागम” लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। इस समागम में 25000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जिसके लिए तीन डोम तैयार किए गए हैं। डोम क्रमांक एक में किसानों के लिए प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें कृषि अभियांत्रिकी विभाग मध्यप्रदेश द्वारा कृषि यंत्रों एवं उपकरणों के लिए 15, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषि आदान बीज, उर्वरक एवं अन्य के लिए 15, उद्यानिकी विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के 15, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र के लिए 10, पशुपालन, मत्स्य, मध्यप्रदेश एग्रो व सहकारिता विभाग द्वारा 15, उद्यानिकी विभाग द्वारा बैंकर्स के लिए पांच, कृषि विभाग द्वारा फसल बीमा के लिए 2, उद्यानिकी विभाग द्वारा संरक्षित खेती- पॉली हाउस / शेडनेट हाउस के 5 और कृषि विभाग द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) / प्रगतिशील कृषक व अन्य जिलों के उत्पाद के 18 स्टॉल लगाए गए हैं।
कृषि सचिव ने बताया कि इस बार आयोजित होने जा रहे इस तीन दिवसीय समागम में हर दिन कुछ खास होगा। इस दौरान किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, हैप्पी सीडर और स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्रों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही किसानों से आधुनिक कृषि उपकरणों को अनुदान पर खरीदने हेतु बुकिंग भी कराई जाएगी। दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन, शाक-सब्जी उत्पादन की नई तकनीकों के साथ श्री अन्न उत्पादन, उद्यानिकी, बागवानी, उन्नत किस्म के बीजों व खाद, उर्वरक की जानकारी देने पर भी फोकस रहेगा। कृषि के क्षेत्र में नए र्स्टाट-अप्स के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। इससे युवा किसान क्षेत्र में अपना नया व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ये सारी जानकारी किसानों को कम लागत में ज्यादा उत्पादन लेने में मददगार साबित होगी। नरसिंहपुर की काली मिट्टी दलहनी, तिलहनी और गेहूं जैसी अनाज फसलों के लिए मशहूर है। इस कृषि मेले में मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए जैविक खाद और उर्वरकों के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा। क्षेत्र में सोयाबीन और गन्ने जैसी फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इन फसलों से जुड़े उद्योग जैसे तेल निकालने, चीनी बनाने, गुड़ उत्पादन की नई तकनीकों के बारे में किसानों को जानकारी इस मेले में दी जाएगी। इस कृषि उद्योग समागम के माध्यम से सरकार किसानों को कृषि आधारित उद्योगों से जोड़ने में निश्चित रूप से सफल होगी। कृषि सचिव ने बताया कि नरसिंहपुर जिले के बाद 8-10 जून 2025 तक सतना में विशाल कृषि मेले सह कृषक सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है।
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